अतुल चौरसिया और इंजीनियर रसीद की तस्वीर.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव

इंजीनियर रसीद: कश्मीर का नया नेता या बीजेपी का नया मोहरा

इंजीनियर रसीद इन दिनों जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों में चर्चा का एक अहम विषय बन चुके हैं. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मिली जमानत ने यहां का सियासी तापमान बढ़ा दिया है. 

जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों में इंजीनियर रसीद की एंट्री से एक चिंता देखी जा रही है. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने रसीद की रिहाई और भाजपा से सांठगांठ के आरोप लगाए हैं. इन सबके बीच जेल से छूटकर इंजीनियर रसीद सीधा बारामुला पहुंचे, जहां से वो सांसद चुने गए हैं. 

हालांकि, जैसा उम्मीद और दावे किए जा रहे थे. वैसा जनसमर्थन उनकी जनसभा में देखने को नहीं मिला. बमुश्किल दो-ढ़ाई हजार लोग इकट्ठा हुए. हालांकि, समर्थकों में उनकी वापसी से जबरदस्त जोश देखने को मिला. 

कहा जा रहा है कि इंजीनियर रसीद की रिहाई के पीछे भाजपा का हाथ है. भाजपा चाहती है कि घाटी में वोट बंट जाए. तो क्या वाकई इंजीनियर रसीद भाजपा से मिले हुए हैं? इन आरोपों पर उनके समर्थक क्या सोचते हैं?

देखिए बारामुला से हमारी ये खास रिपोर्ट.