Khabar Baazi
द क्विंट की हिंदी वेबसाइट का सफर थमा, सिर्फ यूट्यूब चैनल चलेगा
पिछले नौ सालों से खबरों की दुनिया में मजबूत जगह बनाने वाली वेबसाइट क्विंट हिंदी का सफरनामा अब सिमटने की ओर है. इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने सर्वसम्मति से वेबसाइट को बंद करने का निर्णय लिया है. हालांकि, इसका यूट्यूब चैनल फिलहाल जारी रहेगा.
न्यूज़लॉन्ड्री को मिली जानकारी के मुताबिक, 30 सितंबर के बाद से वेबसाइट के सारे ऑपरेशन्स बंद हो जाएंगे. हिंदी से जुड़े कई कर्मचारियों का यह आखिरी कार्यदिवस होगा. इस फैसले की जानकारी कंपनी ने मेल के माध्यम से अपने कर्मचारियों को दी है.
कथित मेल में ही कंपनी के बंद होने के कारण का संक्षेप में ज़िक्र किया गया है जिसमें व्यवसायिक माहौल अनुकूल न होने के साथ-साथ यह भी बताया गया है कि ये परिस्थति कंपनी या कर्मचारी के नियंत्रण से बाहर होती हैं और इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता है.
इस पूरे मामले पर हमने क्विंट की सीईओ रितू कपूर से बात की. कपूर कहती हैं, “अब हम क्विंट के हिंदी कंटेंट को अंग्रेजी के साथ ही कमोबेश जोड़ने जा रहे हैं. हमारे अंग्रेजी की वेबसाइट पर पहले से ही हिंदी के लिए एक सेक्शन मौजूद है इसलिए अलग से चलने वाली हिंदी की वेबसाइट को बंद किया जा रहा है.”
रितू ने कहा कि हिंदी वेबसाइट को चलाने के लिए और इससे रेवेन्यू लाने के लिए उन्हें ऐसा कंटेंट लाना पड़ रहा था जो शुरू से उनका लक्ष्य नहीं था. अब वे कंटेंट की क्वालिटी पर काम करेंगे.
रितू ने कहा कि वे किसी भी हाल में संपादकीय गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाह रहे थे, इसलिए इस कदम को उठाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि क्विंट की रिपोर्टिंग को लेकर सरकार का जो एक नकारात्मक रवैया है, वो भी एक कारण है कि उन्हें टीम को छोटा करना पड़ रहा है.
9 लोगों को नोटिस
आगे कहती हैं, “हम भी यह समझ रहे है कि आज के समय में नौकरी मिलना बहुत मुश्किल हो गया है और उससे भी ज्यादा मुश्किल रेवेन्यू मॉडल सफल बनाना हो गया है. डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में क्विंट सबसे बड़ी टीम थी. लगभग 160-170 लोगों की टीम के लिए डिजिटल कॉर्पोरेट रेवेन्यू लाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो गया था.”
रितू ने बताया कि ये बहुत मुश्किल वक्त है. अभी क्विंट हिंदी से जुड़े करीब 9 लोगों को नोटिस दिया गया है. इन्हें नई नौकरी ढूंढने के लिए तीन महीने का समय दिया गया है. वहीं, 6 लोगों को यूट्यूब चैनल के लिए ट्रांसफर किया है. यही 6 लोग क्विंट हिंदी का यूट्यूब चैनल देखेंगे.
मीडिया को कॉरपोरेट या सत्ता के हितों से अप्रभावित, आजाद और निष्पक्ष होना चाहिए. इसलिए आपको, हमारी जनता को, पत्रकारिता को आजाद रखने के लिए खर्च करने की आवश्यकता है. आज ही सब्सक्राइब करें.
Also Read
-
BJP faces defeat in Jharkhand: Five key factors behind their setback
-
Newsance 275: Maha-mess in Maharashtra, breathing in Delhi is injurious to health
-
Decoding Maharashtra and Jharkhand assembly polls results
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
How Ajit Pawar became the comeback king of Maharashtra