Video
भीषण गर्मी की रेहड़ी-पटरी वालों पर मार: कमाई घटी, घर का खर्च बढ़ा और सेहत बिगड़ी
भारत में आसमान से आग बरस रही है. मौसम विभाग के अनुसार, 18 जून की रात दिल्ली-एनसीआर में पिछले बारह सालों की सबसे गर्म रात रही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर में कुल 22 लोगोंं की मौत कथित तौर पर भीषण गर्मी के प्रकोप से ही हुई है.
इस भीषण गर्मी में पूरे दिन सड़क के किनारे रेहड़ी लगाने वालों पर इसका कैसा असर पड़ रहा है, ये जानने के लिए हम तपती दोपहरी में दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर निकले.
रास्ते में हमारी मुलाकात अयोध्या के रहने वाले ऑटो चालक शिव प्रसाद से हुई. वो अपनी कहानी सुनाने लगे. उन्हें दो बार हार्ट अटैक आया है. एक बार स्टेंट भी डला है. दिल्ली में पड़ रही गर्मी से इनकी माली हालत खस्ता हो गई है.
इनके पास में ही खड़े एक दूसरे ऑटो चालक मुस्तकीम, जो उत्तराखंड के रहने वाले हैं. वो कहते हैं कि कमाई कम होने पर घरों में लड़ाई हो रही है. खर्च ही पूरा नहीं हो पता है. मैं किराए पर ऑटो चलाता हूं. किराया देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खाने का ही पूरा नहीं हो पाता है.
कुछ ऐसी ही कहानी हमें 32 वर्षीय आकाश गुप्ता सुनाते हैं. वे मयूर विहार फेस वन में रेहड़ी पर बिरयानी बेचते हैं. गुप्ता कहते हैं, “आमदनी कम हो गई है क्योंकि गर्मी की वजह से लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं. ज्यादातर ऑनलाइन ही ऑर्डर कर रहे हैं.”
दिल्ली के मशहूर मीना बाजार में हमारी मुलाकात पूजा यादव से हुई. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की रहने वाली पूजा यादव के घर वाले नहीं जानते कि दिल्ली में वो रेहड़ी पटरी पर दुकान लगाती हैं. इसीलिए वो अपना मुंह ढककर बात करने को राजी होती हैं. वो अपने छोटे से बच्चे को गोद में लिए काम करती नजर आती हैं. कहती हैं, “पूरे दिन धूप में होने की वजह से बच्चा बार-बार बीमार पड़ जाता है. आमदनी हो नहीं रही है. ऐसे में दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है.”
हाल ही में ग्रीन पीस और नेशनल हॉकर फेडरेशन ने मिलकर रेहड़ी पटरी वालों पर हीट वेव के प्रभाव पर एक रिपोर्ट जारी की है. जिसमें कुछ चौंकाने वाली जानकारी आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हीट वेव से रेहड़ी पटरी वालों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ रहा है. इन संस्थाओं ने जिन रेहड़ी पटरी वालों से बात की. उसमें से 73.44 प्रतिशत में चिड़चिड़ापन, 66.93 में सरदर्द, 67.46 के शरीर में पानी की कमी, 66.53 में धूप से झुलसन, 60.82 थकान और 57.37 प्रतिशत लोग मांशपेशियों में दर्द से जूझ रहे हैं.
देखिए हमारी ये रिपोर्ट.
Also Read
-
How Himalayan states have higher food prices
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?