दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में मिली जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की अदालत से बहुत बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें आबकारी नीति में धनशोधन के मामले में जमानत दे दी है. लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, दो दिन तक चली सुनवाई में दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद आज कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके साथ ही, ईडी द्वारा विधिक उपाय खोजने तक आदेश स्थगित करने की मांग को कोर्ट ने ठुकरा दिया.

खबर के मुताबिक, दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में चले मामले में सुनवाई के दौरान ईडी का कहना था कि उनके पास सुबूत हैं और वह हवा में जांच नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि मामले में सह अभियुक्त चनप्रीत सिंह को उद्यमियों से बड़ी मात्रा में नकद धन मिला था और केजरीवाल का होटल बिल उद्यमियों ने दिया था. इसके अलावा केजरीवाल ने जांच में असहयोग करते हुए अपने फोन का पासवर्ड नहीं दिया. यह साधारण जमानत कानून के तहत जमानत न देने का आधार भी है. इसके अलावा उन्होंने कई गवाहों के बयानों और विजय नायर की केजरीवाल से नजदीकियां बताते हुए उनकी नीति बनाने में भूमिका पर सवालिया निशान लगाया.

वहीं, केजरीवाल की तरफ से विक्रम चौधरी ने ईडी द्वारा पेश किए गए सुबूतों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. उन्होंने उन गवाहों के बयानों पर सवाल किया जिन्हें मामले में क्षमादान दिया गया था और सरकारी गवाह बन गए थे. उन्होंने ईडी द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर भी सवाल उठाया और कहा कि उन्हें आम चुनावों की घोषणा के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया था.

उन्होंने सवाल करते हुए कहा, "आपने उन्हें(केजरीवाल) पहले क्यों नहीं गिरफ़्तार किया? 21 मार्च को ही क्यों? आप उनसे क्या चाहते थे? क्या ईडी एक स्वतंत्र एजेंसी है या यह कुछ राजनीतिक आकाओं के हाथों में खेल रही है? आखिरकार मैं एक राजनीतिक इकाई हूं, मुझे इस तरह की दलीलें देनी ही होंगी.”

इसके अलावा, चौधरी ने कहा कि सह-आरोपी चनप्रीत सिंह ने कहीं भी यह नहीं कहा है कि उन्होंने गोवा चुनावों में आप के लिए भुगतान किया है या उन्होंने अपराध से धन एकत्र किया है.

मालूम हो कि केजरीवाल को 21 मार्च को आबकारी नीति ने धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें मई में सुप्रीम कोर्ट से चुनाव के मद्देनजर 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई थी और 2 जून को उन्होंने आत्म-समर्पण कर दिया था. 

इसके बाद आप के नेताओं और कार्यकर्ताओं में हर्ष की लहर है. आप नेता संजय सिंह ने मीडिया को दिए बयान में कहा, "ऐसे समय में अरविंद केजरीवाल का जेल से बाहर आना लोकतंत्र को मजबूत करने वाला है. यह दिल्ली के लोगों के लिए अच्छी खबर है... ईडी के अब तक के बयान झूठ पर आधारित थे... यह केजरीवाल को फंसाने के लिए बनाया गया एक बेबुनियाद फर्जी मामला है..."

वहीं, आम आदमी पार्टी के लीगल टीम के सदस्य ऋषिकेश कुमार ने कहा कि राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को आबकारी घोटाले के मामले में जमानत दे दी है. उन्हें 1 लाख की जमानत राशि बॉन्ड के रूप में भरनी होगी... कल दोपहर तक केजरीवाल जेल के बाहर होंगे. यह आप नेताओं, देश और लोगों की बहुत बड़ी जीत है.

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