चंद्रशेखर आजाद और बसपा सुप्रीमो मायावती की तस्वीर
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'आकाश आनंद भीम आर्मी ज्वाइन कर लें'

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश की नगीना सीट से डेढ़ लाख से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की. वह पहली बार चुनाव जीतकर सदन पहुंच रहे हैं. वेस्टर्न कोर्ट एमपी होस्टल के फ्लैट नंबर 113 के बाहर जुटी भीड़ बता रही है कि लोगों में उनकी जीत कितना मायने रखती है. चंद्रशेखर से हमने यहां मुलाकात की. लंबी बातचीत में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी, बसपा सुप्रीमो मायावती, आकाश आनंद, इंडिया गठबंधन और अपनी आगे की रणनीति समेत तमाम मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.

चंद्रशेखर इस जीत पर कहते हैं कि सड़कें सूनी नहीं रहेंगी सड़कों की लड़ाई लगातार जारी रहेगी, अब शोषित वंचितों की आवाज को एक प्लेटफॉर्म मिल गया है, जो देशभर में सुनी जाएगी.

बसपा, मायावती और कांशीराम से जुड़े सवाल पर आजाद कहते हैं, "मेरी लड़ाई बहनजी से नहीं है. मेरी लड़ाई सत्ता में बैठे लोगों से है. दूसरी बात समाज समय-समय पर परिवर्तित होता रहा है. एक समय पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के साथ था. उनके बाद कांग्रेस के साथ बाबू जगजीवनराम के नेतृत्व में रहा. फिर काशीराम जी के साथ, उनके बाद लंबे समय तक बहनजी के साथ रहा. अब आजाद समाज पार्टी चंद्रशेखर आजाद के साथ खड़ा हो रहा है. समाज तो अपना नेता अपने आप खोज लेता है. बहनजी महापुरुषों की श्रेणी में आती हैं. बहनजी हमारी नेता हैं और उनका आशीर्वाद हमें सदैव मिलता रहा है. महापुरुषों का जो काम अधूरा रह गया है उसे हम पूरा करेंगे." 

आजाद, इंडिया गठबंधन पर कहते हैं कि जितनी जान हमें हराने के लिए भाजपा ने लगाई उतनी ही जान इंडिया गठबंधन ने भी लगाई, तो हमारा कौन हितैषी हुआ? वे अपनी पार्टी को बचाने के लिए काम कर रहे हैं और हम अपने समाज को जिंदा रखने के लिए काम कर रहे हैं. 

आकाश आनंद से जुड़े एक सवाल पर आजाद कहते हैं, "हम भाइयों में क्यों झगड़ा लगाना चाहते हैं. वो मेरे छोटे भाई हैं, हम उनसे निवेदन करेंगे कि अगर उनको मिशन का काम सीखना है तो भीम आर्मी ज्वाइन कर लें. भीम आर्मी ज्वाइन कर लेंगे तो सीखेंगे कि कैसे अन्याय के खिलाफ लड़ा जाता है. जब आप अन्याय के खिलाफ लड़ते हैं तो कैसे सरकार की ओर से मुकदमें गिफ्ट में मिलते हैं."

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