Khabar Baazi
देशद्रोह मामला: दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील इमाम को दी जमानत
देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे शरजील इमाम को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि, वे अभी जेल से बाहर नहीं आएंगे क्योंकि दिल्ली दंगे में उनपर लगे यूएपीए का एक अन्य मामला अभी भी कायम है.
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और मनोज जैन की खंडपीठ ने 2020 में नागरिकता अधिनियम के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान दिल्ली के जामिया क्षेत्र और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के मामले में शरजील को वैधानिक जमानत दी. इस मामले में उनपर देशद्रोह की धाराएं भी लगाई गई थीं.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट में इमाम के अधिवक्ता तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम ने इस बिनाह पर जमानत की मांग की कि देशद्रोह के मामले में अधिकतम सजा 7 साल की होती है. जबकि पहले से ही शरजील के 4 साल 7 महीने जेल में रहते बीत चुके हैं. ऐसे में, आधी सजा पूरी करने की वजह से शरजील वैधानिक जमानत के हकदार हैं. मालूम हो कि पुलिस हिरासत में बंद आरोपी के खिलाफ एक निर्धारित समय में जांच पूरी नहीं की जा सकने पर आरोपी वैधानिक जमानत हकदार होता है.
इससे पहले बीते 17 फरवरी को एक निचली अदालत ने शरजील इमाम की याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि शरजील ने भाषण देकर भले ही हिंसा के लिए नहीं उकसाया था पर उन्होंने भीड़ को इकट्ठा किया था. यह भीड़ 2020 के दिल्ली दंगों के भड़कने का कारण बनी.
बता दें कि दिल्ली पुलिस कि विशेष ब्रांच ने 2020 में शरजील इमाम पर एफआईआर दर्ज करते हुए देशद्रोह की धाराएं लगाई थी. बाद में दिल्ली दंगे के मामले में उनपर यूएपीए की धारा 13 भी जोड़ दी गई. शरजील 28 जनवरी 2020 से ही जेल में हैं.
Also Read
-
TV Newsance 321: Delhi blast and how media lost the plot
-
Hafta 563: Decoding Bihar’s mandate
-
Bihar’s verdict: Why people chose familiar failures over unknown risks
-
On Bihar results day, the constant is Nitish: Why the maximiser shapes every verdict
-
Missed red flags, approvals: In Maharashtra’s Rs 1,800 crore land scam, a tale of power and impunity