Another Election show
एक और चुनावी शो: मुख़्तार अंसारी के बाद ग़ाज़ीपुर का चुनाव
एक और चुनावी शो के तहत हमने पूर्वी उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का चुनावी मिजाज समझने की कोशिश की. हम गाजीपुर के सैदपुर भीतर गांव में पहुंचे. मालूम हो कि गाजीपुर पूर्वांचल के उन जिलों में से एक रहा है, जहां संगठित गैंगवार की आंच आती रही है. कृष्णानंद राय की हत्या से चर्चा में आए मुख्तार अंसारी यहीं के रहने वाले हैं. उनके बड़े भाई अफजाल अंसारी फिलहाल यहां से सांसद हैं. उन्होंने 2019 में भाजपा के नेता मनोज सिन्हा को पटखनी दी थी.
बीते मार्च में मुख्तार अंसारी की जेल में मृत्यु हो गई थी. पूर्वांचल की राजनीति में मुख्तार की पहचान एक समुदाय विशेष के नेता के साथ-साथ माफिया के तौर पर रही है. दिल्ली का मीडिया भी मुख्तार की इस छवि को मजबूत करता आया है. वहीं, स्थानीय लोगों की राय इसके बिल्कुल उलट है. रॉबिनहुड की छवि वाले मुख्तार और उनके भाई अफजाल को पिछड़े तबकों और गरीबों का मसीहा माना जाता है.
मुख्तार की माफिया और मसीहा वाली इस छवि पर हमने गाजीपुर के स्थानीय पत्रकारों से बातचीत की. पत्रकारों का मानना है कि मुख्तार का माफिया बनना, एक राजनीतिक प्रभुत्व को बरकरार रखने के क्रम में उठाया गया कदम था. कभी भी मुख्तार ने आम लोगों को परेशान नहीं किया बल्कि वे उनका ख्याल ही रखते थे. उन्होंने दिल्ली मीडिया द्वारा संसदीय भाषा की बजाय ओछे तरीके से इनके संबंध में बात रखने पर असहमति जताई. हमने गाजीपुर के सांसद अफजाल से उनपर माफिया होने के आरोपों पर भी बात की.
देखिए गाजीपुर से हमारी ये खास रिपोर्ट.
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