NL Charcha
एनएल चर्चा 315: लोकसभा चुनाव, 29 माओवादियों का एनकाउंटर और इरान-इज़रायल के बीच तनाव
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय लोकसभा चुनाव क पहले चरण का मतदान और इजरायल एवं ईरान के बीच पैदा हुए तनावपूर्ण हालात रहे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के कांकेर में माओवादियों एवं सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में 29 माओवादी की मौत और एक सुरक्षाकर्मी के घायल होने पर भी चर्चा हुई.
हफ्ते की अन्य सुर्खियों में भाजपा ने जारी किया लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र, कांग्रेस ने दिल्ली और पंजाब सहित लोकसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों की एक और सूची की जारी और शनिवार को मणिपुर के इंफाल इलाके में दो गुटों के बीच हुई गोलीबारी में दो लोगों की मौत आदि ख़बरें भी शामिल रहीं.
इसके अलावा बुधवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने बिहार के मजदूर की गोली मारकर की हत्या, ईरान के दूतावास पर इज़रायल द्वारा हमला और जवाब में ईरान ने इजरायल के ऊपर दागे सैंकड़ों रॉकेट, दलित युवकों पर हमला करने के आरोप में वाईएसआर पार्टी के लीडर को 27 साल बाद 18 महीने की जेल और राज्य सरकार द्वारा अनुशंसित 6 यूनिवर्सिटी वीसी की नियुक्ति के लिए सहमत हुए पश्चिम बंगाल गवर्नर आदि सुर्खियों ने भी हफ्तेभर तक लोगों का ध्यान खींचा.
इस हफ्ते चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा और स्वतंत्र पत्रकार काशिफ काकवी शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत में चुनावी सरगर्मी को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से शुरुआत में बड़ी तेजी से मतदान देखने के मिला खासकर सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना और रामपुर में. साथ ही ऐसी ख़बरें भी आई कि मुस्लिम महिलाओं का बुर्का खुलवाया जा रहा है. जिसकी वजह से मतदान की प्रक्रिया धीमी हो गई. आप इसे कैसे देखती हैं?”
इसके जवाब में स्मिता शर्मा कहती हैं, “गर्मी के मौसम की वजह से दोपहर में मतदान की प्रक्रिया धीमी पड़ी. जहां तक बुर्का हटवाने की बात है वो मतदाता के पहचान पत्र से उनके चेहरे का मिलान करने के लिए किया जा रहा. हालांकि, यहां पर बीजेपी की लहर नजर नहीं आ रही है. जो कि राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर दिखाया जा रहा है. वहीं, नगीना सीट पर मुस्लिम और दलित समुदाय चंद्रशेखर आजाद के साथ दिख रही है. मुजफ्फरनगर में संजीव बालियान के लिए लड़ाई आसान नहीं है. इसके अलावा भी कई सीटें ऐसी हैं जहां पर समुदाय के आधार पर वोट बहुत बंटे हुए नजर आ रहे हैं. इस बार सांप्रदायिक कि बजाए जातीय ध्रुवीकरण ज्यादा नजर आ रहा है.”
सुनिए पूरी चर्चा-
टाइम कोड्स
00 - 02:06 इंट्रो
02:07 - 12:15 सुर्खियां
12:16 - 43:03 लोकसभा चुनाव 2024 की सरगर्मी
43:04 - 44: 16 अपील और जरूरी सूचना
44:17 - 57:56 इज़रायल और ईरान के बीच युद्ध
57:57 - 1:08:50 सब्सक्राइबर्स के मेल
1:08:51 - 1:27:50 कांकेर में माओवादियों एवं सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़
1:27:51 - 1:33:41 सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए
शार्दूल कात्यायन
एनिमेटेड सीरीज- एक्स मैन 97
विकास जांगड़ा
न्यूज़लॉन्ड्री पर आकाश आनंद का इंटरव्यू
नेटफ्लिक्स पर फिल्म- अमर सिंह चमकीला
काशिफ काकवी
नेटफ्लिक्स पर डॉक्यूमेंट्री
अतुल चौरसिया
नेटफ्लिक्स पर फिल्म- अमर सिंह चमकीला
ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी
प्रोड्यूसर: आशीष आनंद
एडिटिंग: उमराव सिंह
Also Read
-
TV Newsance 326 | A Very Curly Tale: How Taxpayers’ Money Was Used For Govt PR
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy