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कांग्रेस का ‘न्याय पत्र’: मीडिया की आजादी के वादों की लंबी फेहरिस्त
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने शुक्रवार को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया. कांग्रेस ने इसे ‘न्यायपत्र’ का नाम दिया है. इसमें पार्टी की ओर से 5 प्रमुख गारंटियां दी गई हैं. जिनमें- राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन, सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना, एमएसपी की कानूनी गारंटी, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण और अनुसूचित जाति-जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा को खत्म करना- शामिल है.
45 पन्नों के इस घोषणापत्र में कांग्रेस ने ‘मीडिया की स्वतंत्रता को बचाने के लिए’ कई कानूनी बदलावों की घोषणा की है. साथ ही उन कानूनों को निरस्त करने का भी वादा किया गया है, जो सरकार को खबरों को सेंसर करने की निरंकुश ताकत देते हैं. इसमें ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज रेगुलेशन बिल 2023, डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स एक्ट 2023 शामिल है. कांग्रेस ने लिखा कि “प्रतिबंधक प्रावधानों” को संशोधित किया जाएगा या हटाया जाएगा.
सत्ता में आने के बाद, कांग्रेस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट 1978 में संशोधन करने का वादा कर रही है ताकि मीडिया को ‘सरकारी हस्तक्षेप से बचाया जा सके’ और काउंसिल को ‘फर्जी और पेड खबरों को रोकने की शक्ति दी जा सके.’
इसके अलावा सिनेमैटोग्राफ एक्ट, 1952 को भी संशोधित करने की बात कही गई है ताकि फिल्मों को सर्टिफिकेट देने की ‘प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जा सके.
मीडिया स्वतंत्रता को बचाने के लिए नए कानून
100 साल पुरानी पार्टी ने ‘स्वतंत्र पत्रकारिता को बचाने’ के लिए तीन नए कानून बनाने का प्रस्ताव रखा है.
इनमें से एक पत्रकारों के विरुद्ध ‘सरकार की जबरन कार्रवाई’ को रोकने के लिए होगा. इसमें सरकार द्वारा पत्रकारों पर नजर रखने, उनकी संपत्ति जब्त करने, और सूत्रों का पता लगाने के मामलों को रोका जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले साल मोदी सरकार ने न्यूज़क्लिक के ठिकानों पर छापेमारी की थी और संस्थान से जुड़े 50 पत्रकारों के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त कर लिए थे. साथ ही मीडिया में एकाधिकार को खत्म करने की भी बात कही.
पार्टी ने कहा कि वह मीडिया संस्थानों के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष मालिकाना हक का खुलासा करना अनिवार्य कर देगी. साथ ही ‘इंटरनेट की स्वतंत्रता’ को बचाने और ‘मनमाने प्रतिबंधों’ को रोकने के लिए भी कानून लाएगी.
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पिछले 10 सालों में मीडिया पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया है. पार्टी ने कहा कि मीडिया के कई बड़े हिस्सों पर दबाव बनाया गया है और उनकी स्वंत्रता का हरण किया गया है.
‘न्यायपत्र’ में 10 श्रेणियां हैं: समानता, युवा वर्ग, महिलाएं, किसान, मजदूर, अर्थव्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, संघवाद और संविधान का बचाव. इसके बाद एक पन्ना मीडिया के लिए था.
घोषणापत्र में लिखा था, ‘मीडिया को 10 साल में बहुत डराया- धमकाया गया है और सरकार के प्रचार तंत्र में परिवर्तित कर दिया गया है. हम वादा करते हैं कि हम मीडिया की स्वतंत्रता को बहाल करेंगे.’
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