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पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड: कीरू हाइड्रोप्रोजेक्ट में ठेका पाने वाली कंपनी ने भाजपा को दिया 9 करोड़ का चंदा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक इंटरव्यू के दौरान अक्टूबर 2021 में कहा था कि वो जब जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल (23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक) थे तो उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की गई थी.
मलिक ने जिन दो परियोजनाओं का नाम लिया था उसमें से एक कीरू जलविद्युत परियोजना थी. इसको लेकर 2022 में सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, “सीबीआई ने 2019 में एक निजी कंपनी को कीरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के लगभग 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्यों का ठेका देने में कदाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था.’’
यह निजी कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड है. सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में परियोजना के लिए निविदा प्रक्रिया के संबंध में बोर्ड के निर्णयों के पालन में विसंगतियों का आरोप लगाया गया था.
सीबीआई ने पटेल इंजीनियरिंग के साथ-साथ चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी, एमडी एमएस बाबू और निदेशकों एमके मित्तल और अरुण मिश्रा के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एफआईआर में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और बिजली विभाग द्वारा एक जांच की गई थी.
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि परियोजना में सिविल कार्यों के आवंटन में ई-टेंडरिंग के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया.
पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने भाजपा को दिया 6 करोड़ का चंदा
सीबीआई ने जिस पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड पर मामला दर्ज किया है. उसने 2022 और 2023 में 6 करोड़ का चंदा इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए भाजपा को दिया है.
चुनाव आयोग की ओर से 21 मार्च की शाम सार्वजनिक की गई जानकारी के मुताबिक, पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने 9 दिसंबर 2022 को 10-10 लाख के 20 बॉन्ड खरीदे, जिसे भाजपा ने 14 दिसंबर 2022 को भुनाया.
आगे चल 2023 के अक्टूबर महीने में एक बार फिर पटेल इंजीनियरिंग ने 10-10 लाख का चालीस बॉन्ड ख़रीदा था. यह भी भाजपा ने 19 अक्टूबर 2023 को भुनाया.
इलेक्ट्रोल बॉन्ड के अलावा पटेल इंजीनियरिंग ने सीधे तौर पर भाजपा को वित्त वर्ष 2020-21 में तीन करोड़ का चंदा दिया था.
इस तरह साल 2019 (उसी साल इसे नियमों के उलट जाकर प्रोजेक्ट अवार्ड किया गया था. ) के बाद से भाजपा को 9 करोड़ का चंदा इसने भाजपा को दिया है.
पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि साल 1949 में स्थापित यह कंपनी भारत में निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनी है. वर्तमान में इसके अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल हैं.
इसी मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई ने फरवरी महीने में सत्यपाल मालिक के आवास के अलावा अन्य जगहों पर छापेमारी की थी. यह छापेमारी किरु हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के करप्शन को लेकर उनकी भूमिका पर था.
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