Ground Report
जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव: 27 साल बाद मिल पाएगा दलित अध्यक्ष?
पूरे चार साल बाद जेएनयू में छात्रसंघ चुनाव हो रहा है. जिसके चलते जेएनयू का राजनीतिक तापमान काफी बढ़ा हुआ है. हालांकि, इस बार का चुनाव पिछले चुनावों से कई मायनों में अलग है. ‘जय श्रीराम’, ‘लाल सलाम’, ‘जय भीम’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ जैसे नारों के बीच इस चुनाव में कैंपस के मुद्दों के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दे भी शामिल हैं.
यूनाइटेड लेफ्ट फ्रंट ने 27 साल बाद दलित छात्र को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और बिरसा अंबेडकर फूले स्टूडेंट एसोसिएशन (बापसा) ने आदिवासी छात्रों को अपने छात्रसंघ से अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है. वहीं, इस पूरे चुनाव में प्रियांशी आर्य इकलौती क्वीर कैंडिडेट हैं, जो महासचिव के लिए बापसा की तरफ से उम्मीदवार बनाई गई हैं.
एक तरफ कैंपस के भीतर हॉस्टल, मेस , सड़क , लाइब्रेरी, फीस, स्कॉलरशिप, सेक्सुअल हैरेसमेंट और जेंडर सेंसेटिविटी जैसे मुद्दे हैं तो दूसरी तरफ परसेप्शन और आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है.
एबीवीपी, जेएनयू को कथित टुकड़े टुकड़े गैंग और एंटी नेशनल तत्वों से आज़ाद कराने की बात कर रहा है. वहीं, यूनाइटेड लेफ्ट फ्रंट (यूएलएफ) जेएनयू के भगवाकरण और कैंपस के अंदर बढ़ती गुंडागर्दी और हिंसा को लेकर एबीवीपी को घेर रही है.
इसके अलावा बापसा, छात्र राजद और समाजवादी छात्रसभा जैसे संगठन दक्षिण और वाम पंथ से इतर अलग मुद्दों को लेकर मैदान में हैं.
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.
आम चुनावों का ऐलान हो चुका है. एक बार फिर न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट के पास उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सेना प्रोजेक्ट्स हैं, जो वास्तव में आपके लिए मायने रखते हैं. यहां क्लिक करके हमारे किसी एक सेना प्रोजेक्ट को चुनें, जिसे समर्थन देना चाहते हैं.
Also Read: जेएनयू: नारों और दीवारों पर पुताई का फरमान
Also Read
-
Uttarakhand: Over 1,000 forest fires in 4 months, crisis looms amid poor preparedness
-
Mandate 2024, Ep 4: BJP’s women safety pitch vs the accused sex offenders in its backyard
-
Modi has spoken to the new NDTV. He wasn’t this accommodating before
-
बिहार: मजदूरों को किसान बताया, दोगुनी आय का विचित्र फॉर्मूला बताया
-
Sushil Kumar Modi: A dignified voice in the combative world of Bihar politics