चंदे की कहानी
‘मोदी का सपना साकार करने वाली’ कंपनी एपको ने खरीदे 30 करोड़ के बॉन्ड
खुद को "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने वाले नायकों में एक" बताने वाली कंपनी ने 30 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. 14 मार्च को चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी ने ये बॉन्ड 15 जनवरी, 2020 से लेकर 12 अक्टूबर, 2023 के बीच खरीदे. ये जानकारी सामने आने के बाद एपको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर अब सवाल उठने लगे हैं.
एपको का मुख्यालय लखनऊ में है. इसके मालिक अनिल सिंह हैं. जानकारी के मुताबिक, कंपनी को उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सड़क, परिवहन, सिंचाई और जल स्वच्छता से संबंधित कई परियोजनाएं मिली हुई हैं.
इनमें नवंबर 2019 में उत्तर प्रदेश में 1,500 करोड़ रुपये की बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना और 2022 में मुंबई में 9,000 करोड़ रुपये की वर्सोवा-बांद्रा सी-लिंक परियोजना शामिल है.
2021 में, एपको को बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे परियोजना के अलावा मुंगेर और मिर्जा चौकी के बीच चार-लेन सड़क निर्माण के लिए ठेका मिला.
2022 में इसे चंदौली-सकलडीहा-सैदपुर, मोहनसराय-उपाध्याय नगर-चकिया, जुंजवानी से सिधारा, फरीदाबाद-बल्लबगढ़ बाईपास, शामली-अंबाला एक्सप्रेसवे और नायडूपेटा-तुरपु कनुपुर सहित कई राजमार्गों और सड़क निर्माण का ठेका मिला.
इससे पहले साल 2020 में, एपको को मुंबई में डॉ. ई मोजेज रोड और केशवराव खाड़े मार्ग पर ओवर-ब्रिज बनाने का ठेका दिया गया था. पिछले साल, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि परियोजना में शामिल सभी ठेकेदारों को 27.14 करोड़ रुपये का "अनुचित लाभ" दिया गया.
न्यूज़लॉन्ड्री विज्ञापन-मुक्त पत्रकारिता में यकीन करने वाला संस्थान है. पत्रकारिता का यही मॉडल सार्वजनिक हित में काम कर सकता है. हमारी स्वतंत्र पत्रकारिता को आगे बढ़ाएं और आज ही सब्सक्राइब करें.
2022 में, यूपी सरकार ने राज्य जल और स्वच्छता मिशन के तहत, एपको को आगरा और मथुरा में "ग्रामीणों के बहु-समूह जल आपूर्ति योजना के डिजाइन, ड्राइंग, डीपीआर और निर्माण" के ठेके दिए. ये ठेके 1,840.7 करोड़ रुपये और 892 करोड़ रुपये के थे.
इस साल जनवरी में, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम ने समृद्धि महामार्ग गलियारे के किनारे सुविधाएं विकसित करने के लिए एपको को नामित किया.
कुल मिलाकर एपको को उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की ओर से दो रोड प्रोजेक्ट, यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की ओर से तीन, ग्रेटर मुंबई नगर निगम की ओर एक, महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम से दो, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से नौ, भारतीय रेलवे कंस्ट्रक्शन इंटरनेशनल लिमिटेड से एक प्रोजेक्ट मिला.
यह रिपोर्ट एक सहयोगी परियोजना का हिस्सा है, जिसमें तीन समाचार संगठन - न्यूज़लॉन्ड्री, स्क्रॉल, द न्यूज़ मिनट और कई स्वतंत्र पत्रकार शामिल हैं.
प्रोजेक्ट इलेक्टोरल बॉन्ड में अबान उस्मानी, आनंद मंगनाले, अनीशा शेठ, अंजना मीनाक्षी, आयुष तिवारी, अजीफा फातिमा, बसंत कुमार, धन्या राजेंद्रन, जयश्री अरुणाचलम, जोयल जॉर्ज, एम. राजशेखर, मारिया टेरेसा राजू, नंदिनी चंद्रशेखर, नील माधव, निकिता सक्सेना, पार्थ एमएन, पूजा प्रसन्ना, प्रज्वल भट्ट, प्रतीक गोयल, प्रत्युष दीप, रागामालिका कार्तिकेयन, रमन किरपाल, रवि नायर, साची हेगड़े, शब्बीर अहमद, शिवनारायण राजपुरोहित, सिद्धार्थ मिश्रा, सुप्रिया शर्मा, सुदीप्तो मंडल, तबस्सुम बरनगरवाला और वैष्णवी राठौड़ शामिल हैं.
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.
आम चुनावों का ऐलान हो चुका है. एक बार फिर न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट के पास उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सेना प्रोजेक्ट्स हैं, जो वास्तव में आपके लिए मायने रखते हैं. यहां क्लिक करके हमारे किसी एक सेना प्रोजेक्ट को चुनें, जिसे समर्थन देना चाहते हैं.
Also Read
-
On Constitution Day, a good time to remember what journalism can do
-
‘Not a Maoist, just a tribal student’: Who is the protester in the viral India Gate photo?
-
The Constitution we celebrate isn’t the one we live under
-
Malankara Society’s rise and its deepening financial ties with Boby Chemmanur’s firms
-
130 kmph tracks, 55 kmph speed: Why are Indian trains still this slow despite Mission Raftaar?