Report
बाबरी के समर्थन में पोस्टर: एफटीआईआई में उत्पात, हिंदू जन जागरण मंच के कार्यकर्ता गिरफ्तार
पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) में बाबरी मस्जिद से जुड़े एक पोस्टर को लेकर विवाद हो गया. मंगलवार को एक स्थानीय दक्षिणपंथी संगठन के सदस्यों और कैंपस के छात्रों के बीच झड़प हुई. कैंपस में घुसे इन लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और कथित तौर पर छात्रों के साथ मारपीट की. साथ ही विवादित पोस्टर को भी आग के हवाले कर दिया. इस पूरे विवाद में कुछ छात्र घायल हो गए.
झड़प के बारे में बताते हुए एफटीआईआई के छात्र इरफान ने बताया कि दोपहर करीब 1:30 बजे कई लोग अचानक से ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए कैंपस में घुस आए. उन्होंने उत्पात मचाना शुरू कर दिया. कैंपस में लगे बैनर और पोस्टर फाड़कर जला दिए. स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से लगाए गए ये सभी पोस्टर-बैनर बाबरी मस्जिद से जुड़े थे.
इरफान कहते हैं, “भीड़ में शामिल लोगों ने छात्रों को पीटना शुरू कर दिया. थोड़ी देर बाद पुलिस आ गई, लेकिन पुलिस के सामने भी उन्होंने छात्रों की पिटाई की. पुलिस सब देखती रही.”
इरफान के मुताबिक भीड़ में लोगों ने गले में गमछे डाल रखे थे और जो भी सामने आ रहा था, उसकी पिटाई कर रहे थे.
एक अन्य छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि कैंपस के कई छात्रों के साथ मारपीट की गई है. इतनी टाइट सिक्योरिटी होने के बाद भी ये लोग कैसे अंदर घुस गए ये समझ से बाहर है. उनका आरोप है कि हमला योजनाबद्ध तरीके से हुआ है. न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए वह सवाल उठाते हैं कि अगर यही सब होता रहा तो उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा?
विवादित पोस्टर और प्राण प्रतिष्ठा
एफटीआईआई स्टूडेंट एसोसिएशन (एफटीआईआईएसए) ने 22 जनवरी को कैंपस में कुछ पोस्टर-बैनर लगाए थे. इनमें एक पोस्टर पर "रिमेंबर बाबरी (बाबरी की याद), डेथ ऑफ कॉन्स्टीट्यूशन (संविधान का जनाजा)" लिखा गया था.
इसके अलावा छात्रों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस पर एक फोटो प्रदर्शनी भी आयोजित की. साथ ही आनंद पटवर्धन की ‘राम के नाम’ डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई. ये सब 22 जनवरी को किया गया जब अयोध्या स्थित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा था. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत देश भर की कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं.
जय श्री राम के नारे और मारपीट
एफटीआईआई स्टूडेंट एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, “यह घटना दोपहर करीब 1.30 बजे घटी. 20-25 लोगों की भीड़ परिसर में दाखिल हुई. जब मनकप नोकवोहम (एफटीआईआईएसए के अध्यक्ष) मुख्य द्वार की ओर बढ़ रहे थे तभी भीड़ ने जोर-जोर से नारे लगाना शुरू कर दिया. इस बीच भीड़ ने मनकप पर हमला कर दिया. सुरक्षा गार्ड भी इस भीड़ को रोकने में नाकाम रहे. मनकप को बेरहमी से पीटा गया. हमले में उनके कपड़े फट गए. उन्हें गंभीर चोटें आई हैं. इसके बाद सायंतन (महासचिव, एफटीआईआई) पर भी हमला किया गया. जो छात्र इन्हें बचाने आए उन्हें भी बुरी तरह से पीटा गया.”
छात्र संगठन ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. आरोप है कि पिटाई के दौरान पुलिस तमाशा देखती रही और कोई भी कार्रवाई नहीं की. भीड़ के हौसले इतने बुलंद थे कि वह डेक्कन थाने के बाहर पहुंच गई. जब पुलिस छात्रों के बयान ले रही थी.
दो दिन पहले भी आई थी भीड़
छात्रों द्वारा जारी प्रेस रिलीज में यह भी दावा किया गया है कि इसी तरह की घटना 21 जनवरी को भी हुई थी. जब करीब 20 लोगों की भीड़ परिसर के मुख्य गेट पर पहुंचकर ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रही थी. तब भी सुरक्षा गार्ड चुपचाप रहे और कोई कार्रवाई नहीं की गई.
जब छात्रों ने गार्ड से पूछा तब जाकर उन्होंने भीड़ को हटाया. इसके करीब आधे घंटे बाद फिर से लोगों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. भीड़ ने लाठियां लहराते हुए छात्रों को धमकी भी दी कि वे अपने अन्य सहयोगियों के साथ वापस आएंगे. तब रजिस्ट्रार और सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया था.
क्या कहता एफटीआईआई प्रशासन?
इस बारे में हमने एफटीआईआई के निदेशक संदीप शहारे और पुणे के डीसीपी संदीप सिंह गिल से भी बात करने की कोशिश की. उन्होंने हमारी कॉल का कोई जवाब नहीं दिया.
क्या कहती है पुलिस?
एफटीआईआई के सुरक्षाकर्मी संजय वसंतराव जाधव की ओर से दी गई शिकायत पर दर्ज एफआईआर के मुताबिक, दोपहर में करीब 15 लोगों ने कैंपस में घुसकर उत्पात मचाने लगे. जिसके बाद उन्होंने पुलिस को फोन किया.
वहीं, डेक्कन थाना इंचार्ज विपीन हसबनीस ने बताया कि झगड़ा बाबरी के पोस्टर को लेकर हुआ. इसमें कुल तीन लोग घायल हुए. जिन्हें मेडिकल के बाद वापस भेज दिया गया.
बुधवार को न्यूज़लॉन्ड्री से हुई बातचीत में पुलिस ने जानकारी दी कि अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें हिंदू जन जागरण संगठन के लोग भी शामिल हैं. वहीं, बाकी लोगों की पहचान के लिए सीसीटीवी कैमरे की मदद ली जा रही है. पुलिस ने इन पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 452, 323, 504, 506 और 427 के तहत मामला दर्ज किया है.
एफटीआईआई के छात्रों द्वारा लगाए गए पुलिस की मौजूदगी में पिटाई के आरोपों को लेकर विपीन कहते हैं, जब पुलिस वहां पहुंची तब झगड़ा चल रहा था. पुलिस ने ही छात्रों को बचाया.
अपडेटः गिरफ्तार लोगों की संख्या और एफआईआर की जानकारी जोड़ने के लिए इस स्टोरी को 24 जनवरी, शाम 4 बजे अपडेट किया गया.
Also Read
-
4 ml of poison, four times a day: Inside the Coldrif tragedy that claimed 17 children
-
Delhi shut its thermal plants, but chokes from neighbouring ones
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Cuttack on edge after violent clashes