Khabar Baazi
मानहानि मामला: बिना शर्त माफी मांगेंगे तरुण तेजपाल और अनिरुद्ध बहल
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल और पत्रकार अनिरुद्ध बहल ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि "बिना शर्त माफी" मांगेंगे. इससे करीब 6 महीने पहले उच्च न्यायालय ने दोनों को एक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और याचिकाकर्ता को 2 करोड़ रुपये का हर्जाना देने का निर्देश दिया था.
पूर्व मेजर जनरल एमएस अहलूवालिया ने अप्रैल 2002 में तहलका पत्रिका एवं उसके पत्रकार तरुण तेजपाल, अनिरुद्ध बहल और मैथ्यू सैमुअल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. दरअसल, तहलका की एक रिपोर्ट में अहलूवालिया पर 2001 में रक्षा उपकरणों के आयात सौदों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था.
इसके बाद न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने जुलाई 2023 में तेजपाल, बहल और पत्रकार मैथ्यू सैमुअल को मानहानि का दोषी पाया था. साथ ही पीड़ित अधिकारी को 2 करोड़ रुपये हर्जाना देने के निर्देश दिए थे. हालांकि, पत्रकारों के वकील ने आदेश के खिलाफ अपील दायर की और तर्क दिया कि उनके पास इतनी बड़ी रकम का हर्जाना देने का साधन नहीं है.
बार एंड बेंच के मुताबिक, अब करीब 6 महीने से ज्यादा बीत जाने के बाद शुक्रवार को तेजपाल और बहल ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति प्रीतम सिंह अरोड़ा की खंडपीठ को बताया कि वे "यह स्पष्ट कर देंगे कि अहलूवालिया ने न तो कोई रिश्वत मांगी और न ही स्वीकार की" है. साथ ही वे इस मामले में बिना शर्त माफी मांगने को तैयार हैं.
इसके बाद अदालत ने दोनों को दो सप्ताह के भीतर हिंदुस्तान टाइम्स में माफीनामा प्रकाशित करने और अदालत में 10-10 लाख रुपये जमा करने को कहा.
अहलूवालिया के वकील ने तर्क दिया था कि अधिकारी पिछले लगभग 22 वर्षों से इस "कलंक" के साथ जी रहे थे और केवल माफी पर्याप्त नहीं है. हालांकि, पीठ ने कहा कि ऐसे मानहानि के मामलों में माफी ही बड़ी राहत है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने इससे पहले भी दिल्ली उच्च न्यायालय के इस फैसले पर रिपोर्ट की थी. तब फैसले में अदालत ने कहा था, "यूं तो सच्चाई को बदनामी के खिलाफ सबसे अच्छा बचाव माना जाता है लेकिन फिर भी सच्चाई में उस प्रतिष्ठा को बहाल करने की क्षमता नहीं है जो कोई व्यक्ति उस समाज की नजरों में खो देता है, जो हमेशा निष्कर्ष पर पहुंचने को तैयार रहता है."
Also Read
-
In Pulwama’s ‘village of doctors’, shock over terror probe, ‘Doctor Doom’ headlines
-
6 great ideas to make Indian media more inclusive: The Media Rumble’s closing panel
-
Friends on a bike, pharmacist who left early: Those who never came home after Red Fort blast
-
‘They all wear Islamic topis…beard’: When reporting turns into profiling
-
‘दाढ़ी, टोपी... तो सवाल भी उन्हीं से होगा..’: जब रिपोर्टिंग छोड़ बदनाम करने पर उतर आए चैनल और पत्रकार