Media
मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023: क्या कहते हैं एग्जिट पोल्स के नतीजे?
गत 7 नवंबर को मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों के लिए मतदान किया गया. इसके परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे, लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल्स के नतीजे आ गए हैं. मिजोरम में इस बार 78.48 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
वर्तमान में यहां मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) की सरकार है. साल 2018 के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 1, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) को 4, एमएनएफ को 27 और अन्य को 8 सीटों पर जीत मिली थी.
इस बार के चुनाव में मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. एग्जिट पोल के नतीजों की मानें तो इस बार प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है. आइए मिजोरम के लिए आए विभिन्न एग्जिट पोल्स पर एक नजर डालते हैं.
एक्सिस- माई इंडिया- आज तक एग्जिट पोल के मुताबिक, ज़ेडपीएम की सरकार में जोरदार तरीके से वापसी हो रही है. यहां पार्टी को 28 से 35 तक सीटें मिल रही हैं. वहीं, सत्तारूढ़ एमएनएफ को मात्र 3 से 7 सीटें मिल रही हैं. कांग्रेस पार्टी को 2 से 4 सीट और भाजपा को 2 तक सीटों पर जीत मिल रही है.
सी वोटर- एबीपी न्यूज एग्जिट पोल के मुताबिक, जेडपीएम को यहां 12 से 18 सीटों पर जीत मिल रही है. वहीं, एमएनएफ को 15 से 21 सीटें मिलने की संभावना है. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी को 2 से 8 सीटें और अन्य को 5 सीटों तक मिलने की संभावना है.
मैट्राइज़- रिपब्लिक टीवी एग्जिट पोल के मुताबिक, प्रदेश में एमएनएफ की सत्ता बरकरार रहने वाली है. यहां एमएनएफ को 17 से 22 सीटें मिलने की संभावना है. वहीं, जे़डपीएम को 7 से 12 सीट, कांग्रेस को 7 से 10 सीट, भाजपा को 1 से 2 सीट और अन्य को 1 सीट तक मिलने की संभावना है.
चुनावों के असल परिणाम 3 दिसंबर को आएंगे. इन नतीजों को आप तक लाने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री इस बार द न्यूज़ मिनट, द कारवां, द वायर और स्क्रॉल के साथ साझेदारी कर रहा है. सुबह 8 बजे से, हम शोर और नाटक को कम करने के लिए पत्रकारों, ग्राउंड पर पहुंचे रिपोर्टर्स और विशेषज्ञों के साथ बातचीत करेंगे.
और इसे सफल बनाने के लिए हम आपकी ओर रुख कर रहे हैं. आपका योगदान प्रमुख खर्चों, अतिथि प्रबंधन और लाइव-स्ट्रीमिंग का वहन करेगा. बदले में, आपको अभिनंदन सेखरी, वरिष्ठ पत्रकार आरफा खानम शेरवानी, हरतोष सिंह बल, नरेश फर्नांडीस, सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु, धन्या राजेंद्रन, सुदीप्तो मंडल, मनीषा पांडे, अतुल चौरसिया और कई अन्य लोगों से स्पष्ट विश्लेषण मिलेगा.
Also Read
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Lucknow’s double life: UP’s cleanest city rank, but filthy neighbourhoods
-
Delays, poor crowd control: How the Karur tragedy unfolded
-
Tata Harrier EV review: Could it be better than itself?
-
‘Witch-hunt against Wangchuk’: Ladakh leaders demand justice at Delhi presser