Khabar Baazi
रोज़नामचा: अडाणी के खिलाफ जांच पर फैसला सुरक्षित और 13वें दिन फिर रुका मजदूरों को बचाने का अभियान
हिंदी के प्रमुख अख़बारों ने आज एक नहीं बल्कि अलग-अलग ख़बरों को प्राथमिकता दी है. किसी ने उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन तो किसी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अडाणी के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखने को पहली सुर्खी बनाया है. वहीं, कुछ अख़बारों ने दिल्ली में वायु प्रदूषण के बढ़ने तो कुछ ने सीमा पार से आतंकियों के भारत आने को पहली सुर्खी बनाया है.
आइए आज के प्रमुख अख़बारों की अन्य सुर्खियों पर भी एक नज़र डालते हैं. लेकिन उससे पहले अगर आप रोज़नामचा को अपने ई-मेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें.
हिंदुस्तान अख़बार ने नवंबर में नौवीं बार वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रहने को पहली सुर्खी बनाया है. ख़बर के मुताबिक, प्रदूषण के कारण दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को 415 अंक रहा. वहीं, सात इलाकों में प्रदूषण अत्यंत गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया. नवंबर महीने ये नौवीं बार है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 अंक से ऊपर पहुंच गया. नवंबर के 24 दिनों में एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक से नीचे उतर आया हो. तीन नवंबर को लोगों ने सबसे ज्यादा प्रदूषण का सामना किया. इस दिन एक्यूआई 468 अंक पर यानी अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहा था. वहीं 5 नवंबर को यह 454 अंक पर था.
उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के फिर से रुक जाने को भी अख़बार ने प्रमुखता दी है. ख़बर के मुताबिक, शुक्रवार को ऑगर मशीन 2.2 मीटर चलने के बाद फिर थम गई. मशीन के आगे फिर कुछ अड़चन आई जिसके कारण उसको रोकना पड़ा. बार-बार ऑगर मशीन को बाहर निकालने और अंदर भेजने वाले समय को देखते हुए अब आगे की खुदाई हांथों से (मैन्युअल ड्रिलिंग) करने की तैयारी है. आखिरी पाइप मैन्युअल ही डालने की कोशिश की जाएगी. ऐसे में अब श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब आठ मीटर की दूरी तय करने का इंतजार और रह गया है.
इसके अलावा डीपफेक मामले में सोशल मीडिया कंपनियों पर सरकार ने कसा नियमों का शिकंजा, चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी पर भारत सतर्क, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मुख्य सचिव की नियुक्ति के मुद्दे पर पांच वरिष्ठ अधिकारियों का नाम सुझाने को कहा और इजरायल-हमास ने 63 और बंधक किए रिहा आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
दैनिक जागरण ने सीमापार से भारत में बढ़ती घुसपैठ को लेकर सेना के बड़े खुलासे को जगह दी है. ख़बर के मुताबिक, सेना की उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी कहा कि जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए पाकिस्तान कई हथकंडे अपना रहा है. वह अपने सेवानिवृत्त सैनिकों को आतंकवादी बनाकर भेज रहा है. प्रदेश में मारे गए कई विदेशी आतंकियों की पृष्ठभूमि की जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि वे सेना में काम कर चुके हैं. सेना प्रदेश में सक्रिय विदेशी आतंकियों को मार गिराएगी. शुक्रवार को द्विवेदी ने राजौरी के कालाकोट के बाजीमल जंगल में बलिदान हुए पांच सैन्यकर्मियों को श्रद्धांजलि दी.
अडाणी समूह के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिए जाने को भी अख़बार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण से कहा कि सेबी से मीडिया रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लेने को नहीं कहा जा सकता. कोर्ट ने कहा कि हम विदेशी रिपोर्ट को शाश्वत सत्य कैसे मान सकते हैं? हम रिपोर्ट को खारिज नहीं कर रहे लेकिन हमें सबूत चाहिए. सेबी हमारी विधायी संस्था है, उससे जांच कराई गई है और उस जांच पर संदेह का कोई आधार नहीं है.
इसके अलावा राजस्थान में मतदान आज, कतर में आठ भारतीयों को मौत की सजा के खिलाफ अपील स्वीकार और सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का बढ़ता जा रहा इंतजार आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
दैनिक भास्कर ने उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को पहली सुर्खी बनाया है. ख़बर के मुताबिक, 13वें दिन भी मजदूरों तक नहीं पहुंचा जा सका और ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा. इसके अलावा 13वें दिन मजदूरों के लिए रोटी और दाल भेजी गई.
भारतीय रेल में स्लीपर-जनरल कोच घटने और एसी कोच बढ़ने के मामले को भी अख़बार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. ख़बर के मुताबिक, रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए ऐसा किया है. पिछले एक दशक में एसी कोच 9.8% बढ़े हैं जबकि 2.8% और सेकंड क्लास के डिब्बे 6.6% कम हुए हैं.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में कहा- सेबी पर भरोसा न करने का कोई कारण नहीं, डीपफेक मामले में सोशल मीडिया कंपनियों पर होगी एफआईआर, भारत से सहयोग न मिलने पर अफगानिस्तान ने दिल्ली में अपना दूतावास बंद किया और कतर में आठ भारतीयों की सजा के खिलाफ याचिका स्वीकार आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
अमर उजाला ने उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का इंतजार और बढ़ जाने को पहली सुर्खी बनाया है. ख़बर के मुताबिक, सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए खुदाई कर रही ऑगर मशीन के आगे फिर बाधा आ गई है. लगभग 24 घंटे बाद शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे खोदाई शुरू हुई थी पर मुश्किल से 2-3 तीन घंटे बाद ही फिर काम रुक गया. हालांकि, भूगर्भ वशेषज्ञों ने बताया है कि अगले पांच मीटर तक कोई बड़ी बाधा नहीं है. अब तक 47 मीटर की ड्रिलिंग हो चुकी है, जिसके बाद बचाव दल मजदूरों के पास पहुंच जाएगा.
दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच मुख्य सचिव को लेकर चल रहे विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई को भी अखबार ने प्रमुखता दी है. ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री आपस में मिलकर मुख्य सचिव पद के लिए नामों पर सौहार्दपूर्ण ढंग से चर्चा क्यों नहीं कर सकते. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एलजी और केंद्र नामों का एक पैनल बनाएं और दिल्ली सरकार उन नामों में से एक को चुन ले.
इसके अलावा दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से खराब होने, राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान आज और आरआरटीएस परियोजना के लिए दिल्ली सरकार ने जारी किए 415 करोड़ रुपये आदि को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
जनसत्ता अख़बार ने उत्तराखंड में सुरंग में फंसे मजूदरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान में फिर से अड़चन आने को पहली सुर्खी बनाया है. ख़बर के मुताबिक, तकनीकी अड़चन के कारण कई घंटों तक ड्रिलिंग के रुके रहने के बाद उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही फिर से शुरू किया जाएगा. लेकिन एक दिन बाद शुक्रवार शाम तक भी ड्रिलिंग शुरू नहीं की जा सकी. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से श्रमिकों के लिए जारी बचाव अभियान में आ रही बाधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली.
अडाणी समूह के खिलाफ जांच की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रख लिए जाने को भी अख़बार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले के सभी पक्षों से सोमवार तक लिखित में दलीलें मांगी हैं. पीठ ने निवेशकों के हितों के प्रति चिंता जाहिर की पर यह भी कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को लेकर सेबी की जांच पर संदेह का कोई आधार नहीं है. वहीं, पीठ ने ‘एक्सपर्ट कमेटी’ के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी उठ रहे सवालों को खारिज किया है. शीर्ष अदालत ने इस मामले में ओसीसीआरपी की रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया है.
इसके अलावा राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान आज, अफगानिस्तान के दूतावास का दिल्ली में कामकाज बंद, कतर की अदालत ने विचारार्थ स्वीकार की भारत की अपील और यूपी गोहत्या निषेध कानून में गोमांस के परिवहन पर प्रतिबंध नहीं आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
अगर आप रोज़नामचा को अपने ई-मेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें.
Also Read
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Scapegoat vs systemic change: Why governments can’t just blame a top cop after a crisis
-
Delhi’s war on old cars: Great for headlines, not so much for anything else
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया