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सहकर्मी की हत्या के बाद फिलिस्तीनी रिपोर्टर ने लाइव प्रसारण में उतारी जैकेट, बोले- 'कोई सुरक्षा नहीं'
“हम सब मारे जाएंगे, बस देखना है कि वो समय कब आएगा.. ये वर्दी और हेलमेट हमारी रक्षा नहीं करते हैं. ये क्या कुछ भी पत्रकारों को नहीं बचा पता,” फिलिस्तीन रिपोर्टर सलमान अल बशीर ने लाइव प्रसारण के दौरान अपनी प्रेस जैकेट और हेलमेट उतारते हुए ये बातें कहीं. रिपोर्टर की इन बातों को सुनकर समाचार चैनल एंकर की आंखों में भी आंसू आ गए.
बता दें कि, दो पत्रकारों ने 2 नवंबर को अपने सहयोगी पत्रकार मोहम्मद अबू हफ़ताब को दक्षिण गाजा के खान यूनिस में उनके घर पर हुए इज़रायली हवाई हमले में खो दिया था. उस हमले में उनके परिवार के ग्यारह सदस्य भी मारे गए थे.
इज़रायली हवाई हमले के आधे घंटे पहले तक पत्रकार मोहम्मद अबू हफ़ताब गाजा के नासिर अस्पताल से अपने सहयोगी बशीर के साथ रिपोर्टिंग कर रहे थे.
कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) के अनुसार, हफ़ताब उन 31 पत्रकारों की सूची में शामिल हो गए हैं जो 7 अक्टूबर तक इज़रायल-फिलिस्तीन हिंसा में मारे गए हैं. इनमें से चार इज़रायल में, एक लेबनान में और 26 गाजा में मारे गए थे. गाजा में कथित तौर पर 10,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जबकि इज़रायल में मरने वालों की संख्या 1,400 से अधिक है.
इस बीच, जब हफ़्ताब की मौत से न्यूज़रूम में शोक की लहर दौड़ गई, तब बशीर ने कहा, "ना कोई सुरक्षा है और ना ही कोई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा है."
“हम इसे अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते. हम थक चुके हैं, यहां एक पीड़ित और शहीद की तरह अपनी मौत का इंतजार कर रहे हैं, एक के बाद एक मारे जा रहे हैं और किसी को हमारी या फिर गाजा में बड़े पैमाने पर ही रही तबाही और हमलों की परवाह नहीं है... ना ही कोई सुरक्षा, ना ही कोई अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा है, हमारी रक्षा ना यह सुरक्षा गियर और ना ही ये हेलमेट कर पाते हैं. ये सिर्फ नारे हैं, जो हमने पहने हुए हैं. और ये सब कहते हुए रिपोर्ट का गला रुंंध जाता है.
सीपीजे का कहना है कि वह हमले में मारे गए "असंख्य" लापता या हिरासत में लिए गए पत्रकारों के अपुष्ट मामलों की जांच कर रहा है.
संघर्ष में मारे गए कई पत्रकार काम पर थे. तमाम दुश्वारियों के बावजूद दुनियाभर के दर्शकों को युद्ध की भयावहता से अवगत कराने की कोशिश कर रहे थे. इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करें.
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