Video
क्या कहते हैं भारत के अलग-अलग हिस्सों से मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे लोग
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित 'मेरी माटी, मेरा देश' अभियान के तहत देशभर से लोग कलश में मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे. 30 और 31 अक्टूबर को हुए इस कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड समेत तमाम राज्यों के लोगों ने हिस्सा लिया. इस अभियान का दिल्ली के विजय चौक/कर्तव्य पथ पर मंगलवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ समापन हुआ.
कई राज्यों से आए लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "सौगंध मुझे इस मिट्टी की, हम भारत भव्य बनाएंगे. मिट्टी के साथ-साथ देशभर से जो पौधे लाए गए हैं, उन्हें मिलाकर यहां अमृत वाटिका बनाई जा रही है. हमें 2047 तक जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा. तब तक भारत को विकसित देश बनाना है. आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश इस विशेष दिन को याद करेगा."
यहां कई राज्यों से आए लोगों से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की. गुजरात से दिल्ली पहुंची पायल कहती हैं, "हम गुजरात से करीब 750 लोग दिल्ली पुहंचे हैं. हम हर गांव से मिट्टी इक्ट्ठा करके पहले अहमदाबाद गए, जहां हमारे राज्य के मुख्यमंत्री ने हमारा स्वागत किया उसके बाद हम दिल्ली आए हैं. हमारे देश के जो वीर जवान शहीद हुए हैं, उनकी याद में इस मिट्टी में पौधा लगाएंगे, यह सैनिकों के लिए श्रद्धांजलि होगी."
इस कार्यक्रम में कई सरकारी कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया. मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से आए नगर पालिका में जनसंपर्क अधिकारी रहीम चौहान कहते हैं, “पूरे मध्य प्रदेश से 400 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी दिल्ली कलश लेकर आए हैं.”
वहीं, उत्तराखंड से आए वेद प्रकाश शुक्ला कहते हैं, “हमारा सारा खर्च यानी रहना, खाना, और आने-जाने का किराया सब सरकार ने उठाया है. यहां रहने की भी अच्छी सुविधा दी है.”
इनके अलावा कई स्कूलों से छात्र-छात्राएं भी अपने टीचर्स के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे.
दो दिन चले इस कार्यक्रम के चलते आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दिल्ली की मुख्य जगहों में एक विजय चौक पर हुए इस कार्यक्रम की वजह से कई रास्ते बंद थे. इसके लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी की. इनमें शांति पथ/कौटिल्य मार्ग, भिंडर प्वाइंट जंक्शन, अरबिंदो चौक, गुरुद्वारा रकाबगंज, मंडी हाउस, फिरोज शाह, अशोका रोड, केजी मार्ग और जनपथ समेत कई रास्ते शामिल रहे.
वहीं, सेना भवन, विज्ञान भवन, निर्माण भवन, संसद भवन, वायु भवन, साउथ ब्लॉक, नॉर्थ ब्लॉक, केंद्रीय सचिवालय, राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट आदि की तरफ जाने वाले लोगों को इन मार्गों से बचने की सलाह दी गई.
यह कार्यक्रम आजादी का अमृत महोत्सव के समापन समारोह के उपलक्ष्य में किया गया. इस अभिान के तहत देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई. 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों से 8500 कलशों में भरकर मिट्टी लाई गई. देशभर के 766 जिलों के 7000 ब्लॉक से अमृत कलश यात्री इन कलशों में माटी भरकर दिल्ली पहुंचे.
देखिए पूरी रिपोर्ट-
Also Read
-
Congresswoman Ilhan Omar on Kamala Harris’s Gaza ‘blindspot’, and how that could cost her the election
-
DD News prime time: Funded by the public, against the public
-
Wikipedia ‘put on notice’ by centre over ‘bias’ amid ANI defamation hearing
-
पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
-
SC relaxes Siddique Kappan’s bail condition