Report
भाजपा नेता किरीट सोमैया की आपत्तिजनक वीडियो दिखाने वाले चैनल पर सूचना प्रसारण मंत्रालय की गाज
महाराष्ट्र में भाजपा नेता किरीट सोमैया का एक आपत्तिजनक वीडियो दिखाने वाला चैनल लोकशाही मुसीबत में पड़ता दिख रहा है. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 72 घंटे के लिए ऑफ एयर करने का नोटिस भेजा है. 22 सितंबर को यह नोटिस मिलने के साथ ही चैनल का प्रसारण बंद हो गया था. जिसे दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद 23 सितंंबर को फिर से शुरू किया गया. लोकशाही मराठी भाषा का न्यूज़ चैनल है. गौरतलब है कि किरीट सोमैया विरोधी पार्टियों और नेताओं के घोटाले उजागर करने के लिए मशहूर हैं.
क्या है मामला?
इस पूरे मामले की शुरुआत हुई 17 जुलाई को हुई. जब शाम के सात बजे लोकशाही ने सोमैया से जुड़ा एक कथित सेक्स वीडियो प्रसारित किया. इस खबर को लोकशाही के एडिटर इन चीफ कमलेश सुतार ने होस्ट किया था.
चैनल ने यह वीडियो इस दावे के साथ प्रसारित किया था कि यह लोगों की निजता में घुसपैठ का मामला है और प्रतिष्ठित व्यक्ति का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया जा सकता है. सुतार ने यह सवाल भी उठाया कि जब इतने बड़े नेता की निजता पर तकनीक के ज़रिये हमला हो सकता है तो आम आदमी की निजता का क्या होगा?
सुतार लगातार अपने कार्यक्रम में इस बात पर ज़ोर दे रहे थे कि वीडियो दिखाने का मकसद किसी की मर्यादा का हनन करना नहीं है बल्कि लोगों यह बताना है कि एक महत्वपूर्ण नेता जिसने भष्ट्राचार के खिलाफ मुहिम चला रखी हो और उसके अगर इस तरह के वीडियो सामने आ रहे तो ऐसा क्यों हो रहा है? क्या कारण हो सकता है? उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या निशाना बनाने के लिए उनके निजी पलों के वीडियो सामने लाये जा रहे हैं?
जांच और पुलिस के पचड़े में लोकशाही
लोकशाही की यह खबर तेज़ी से देश भर में फैल गई. 18 जुलाई को इस मामले में विधान परिषद में हंगामा हुआ. इसके बाद महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी जांच के आदेश दिए थे. उन्होंने कहा था कि इस मामले की गहन जांच होगी, वीडियो में मौजूद महिला का भी पता किया जाएगा और किसी को भी नहीं बख्शा नहीं जाएगा.
जांच के आदेश के बाद 18 जुलाई को ही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की एक टीम लोकशाही के अंधेरी (ईस्ट) स्थित दफ्तर पहुंच गई. लोकशाही के एक कर्मचारी के मुताबिक, पुलिस ने असली फुटेज अपने कब्जे में कर लिया और इस फुटेज के स्रोत की जानकारी मांगी. चैनल ने अपने वकील के माध्यम से जवाब दिया और स्रोत की जानकारी देने से इनकार कर दिया.
इसके बाद 26 और 27 जुलाई को कुछ मीडिया चैनलों और समाचार पत्रों ने पुलिस के गोपनीय सूत्रों के हवाले से खबर चलाई कि सोमैया का वीडियो असली है.
मंत्रालय में शिकायत और प्रसारण पर रोक
सोमैया की खबर दिखाने के दो हफ्ते बाद लोकशाही चैनल महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गया. अगस्त के पहले दो हफ़्तों में भाजपा के चार विधायकों ने लोकशाही के खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (ट्राई) के अध्यक्ष पीडी वाघेला से शिकायत की. यह चारों ही विधायक मुंबई की विधानसभाओं से आते हैं. योगेश सागर और पराग शाह ने लोकशाही के बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से शिकायत की. दूसरी तरफ, भाजपा विधायक मिहिर कोटेचा और राम कदम ने ट्राई के अध्यक्ष वाघेला से शिकायत की. इन सभी विधायकों ने पांच, नौ और 14 अगस्त को अपनी शिकायतें भेजी थी. (न्यूज़लॉन्ड्री के पास इन सभी शिकायतों की कॉपी मौजूद है.)
इसके बाद 10 अगस्त को सोमैया की तरफ से लोकशाही चैनल और उसके एडिटर-इन चीफ सुथार को कानूनी नोटिस भेजा गया. इसमें सोमैय्या की निजता का हनन ना करने की हिदायत दी गई. 18 अगस्त को लोकशाही चैनल के मालिकाना हक़ वाली अहमदाबाद स्थित कंपनी ज़ोरा ट्रेडर्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से नोटिस जारी किया गया और सात दिन के भीतर उनसे अपना जवाब देने के लिए कहा गया.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर प्रतीक जैन द्वारा भेजे गए नोटिस में लिखा गया था कि मंत्रालय को लोकशाही के खिलाफ शिकायतें मिली हैं जिसमें चैनल द्वारा 17 जुलाई को दिखाई गई एक गुमराह करने वाली और संवेदनशील खबर का ज़िक्र हैं. नोटिस में शिकायतों का हवाला देते हुए लिखा था कि एंकर ने कार्यक्रम के दौरान कहा था कि उनके पास किरीट सोमैया और अन्य लोगों की तीन दर्जन ऐसी वीडियो क्लिप्स हैं. लेकिन चैनल एक भी ऐसी क्लिप उपलब्ध नहीं करवा पाया. इससे दर्शक गुमराह और भ्रमित हो सकते हैं.
एंकर ने कार्यक्रम के दौरान कुछ राजनेताओं के बयान लेकर खबर को इस तरह से दिखाने की कोशिश जिससे लगे कि सोमैया प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों से अपने संबंधों और रसूख का गलत इस्तेमाल कर महिलाओं का शोषण करते हैं. एंकर ने सोमैया की छवि को खराब करने की कोशिश की है. और उसने सौमैया का बयान लेने के लिए उनसे संपर्क की कोशिश नहीं की.
नोटिस में इस ख़बर को केबल टेलीविज़न नेटवर्क (रेगुलेशन) एक्ट 1995 और उसके तहत आने वाले नियमों का उल्लंघन बताया गया.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय का नोटिस मिलने के बाद चैनल के अधिकारी और एडिटर इन चीफ कमलेश सुतार ने अपना जवाब दायर किया. लेकिन जवाब के बाद भी लोकशाही चैनल की मुश्किलें कम नहीं हुई. पांच सितम्बर को सुथार के खिलाफ सोमैया द्वारा मुंबई पुलिस के साइबर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.
शिकायत में कहा गया, “17 जुलाई की शाम के सात बजे लोकशाही ने एक छोटा वीडियो प्रसारित किया और चैनल के एंकर कमलेश सुतार ने दावा किया कि यह सोमैया का वीडियो है और वह एक होटल के कमरे में लैंगिक कृत्य कर रहे हैं. यह ख़बर दर्शकों को गुमराह करने के लिए बनाई गई थी. चैनल पर दिखाई गई क्लिप 30 सेकंड से भी कम की थी लेकिन संपादक ने विश्लेषण करते हुए कहा कि चैनल के पास सोमैया के अलग-अलग महिलाओं के साथ की ऐसी 36 सेक्स वीडियो क्लिप्स हैं. चैनल के संपादक ने यह भी कहा कि सोमैया ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों से अपने संबंधों और रसूख का गलत इस्तेमाल कर महिलाओं का शोषण करते हैं. यह सब कहकर जनता के बीच सोमैय्या की छवि को खराब करने की कोशिश की है.”
गौरतलब है कि चैनल को मंत्रालय की ओर से भेजे गए नोटिस में भी इन्हीं बातों का जिक्र था.
इसके बाद 22 सितम्बर को अचानक से चैनल को 72 घंटे (22 सितंबर की शाम 7 बजे से 25 सितंबर की शाम 7 बजे तक) के लिए प्रसारण रोकने का आदेश सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी कर दिया गया. (एफआईआर और मिनिस्ट्री के आर्डर की कॉपी न्यूज़लॉन्ड्री के पास मौजूद है.)
मंत्रालय से मिले आदेश के अगले दिन लोकशाही चैनल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. इसमें कोर्ट से उन्हें राहत मिल गई. 22 सितम्बर की शाम 7 बजे से चैनल का प्रसारण बंद हो गया था और 23 सितंबर को कोर्ट से राहत मिलने की बाद उसी शाम सात बजे से प्रसारण फिर से शुरू कर दिया गया. इस मामले में हैरानी की बात यह है कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच अभी भी कर रही है. इसके बावजूद पुलिस जांच का इंतजार किए बिना ही मंत्रालय ने चैनल के प्रसारण पर तीन दिन की पाबंदी का आदेश जारी कर दिया.
क्या कहते हैं संपादक कमलेश सुतार?
"हमें अपनी खबर पर भरोसा है और हम उससे वास्ता रखते हैं. हम जांच एजेंसियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. मैं इस बात को जोर देकर कहना चाहता हूं कि हमने किरीट सोमैया का पक्ष जाने के लिए शो के दौरान उनसे संपर्क भी किया था लेकिन उन्होंने हमसे बात नहीं की. हमारे एक रिपोर्टर भी उनके दफ्तर में मौजूद थे और उन्होंने उनके निजी सहायक से भी संपर्क किया था लेकिन कोई जवाब नहीं आया,” सुतार न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं.
वे आगे कहते हैं, “हमारे चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने का नोटिस हमें अचानक से दिया गया. हमें ज़रा भी समय नहीं दिया गया. प्रसारण पर रोक लगने के अगले ही दिन हमने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की और कोर्ट की तरफ से हमें राहत मिल गई. सूचना और प्रसारण मंत्रालय को प्रसारण बंद करने का नोटिस देने के पहले इस बात को तो ध्यान रखना था कि मामले की अभी तहकीकात चल रही है.”
फिलहाल महाराष्ट्र पुलिस की जांच जारी है.
Also Read
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’