Khabar Baazi
इंडिया गठबंधन ने बैन किया, नेटवर्क 18 ने सम्मानित किया, आनंद नरसिम्हन होंगे ‘एडिटोरियल शेरपा’
दो दिन पहले इंडिया गठबंधन द्वारा 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान किया गया. इसका कारण एंकरों का एकपक्षीय रवैया, सत्तापक्ष की ओर झुकाव और उनके इशारे पर सांप्रदायिक कार्यक्रम का आयोजन करना था.
ऐसे ही एक एंकर हैं आनंद नरसिम्हन. जो कि इस वक्त सीएनएन-न्यूज़ 18 में कार्यरत हैं. गठबंधन द्वारा बहिष्कृत किए गए 14 एंकरों में इनका भी नाम है. उम्मीद की जा रही थी कि यह आत्ममंथन का वक्त होगा चैनलों के लिए. लेकिन नेटवर्क 18 ने इसके उलट आनंद को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है. इनके लिए एक नया पद सृजित किया गया है.
न्यूज़लॉन्ड्री को मिले एक आंतरिक मेल के मुताबिक, आनंद के लिए सृजित इस नए पद और उन्हें मिली अतिरिक्त जिम्मेदारी की घोषणा नेटवर्क-18 के कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक ईमेल के जरिए की है. नेटवर्क को भेजे गए मेल में लिखा गया है कि आनंद को अब से अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा रही है. उन्हें ‘एडिटोरिया शेरपा’ बनाया जा रहा है.
मालूम हो कि जी ट्वेंटी सम्मेलन के दौरान शेरपा शब्द तेजी से प्रचलन में आया था. डिप्लोमेसी में इसका इस्तेमाल काफी किया जाता है. लेकिन वास्तव में शेरपा शब्द नेपाल और तिब्बत के उन लोगों से लिया गया है, जो पूरी दुनिया से आने वाले पर्वतारोहियों को गाइड करते हैं.
लेकिन मूल बात यह है कि पत्रकारिता में एडिटोरियल शेरपा जैसे पद अब तक नहीं था. सीएनएन-न्यूज़ 18 ने पहली बार इस तरह के पद का सृजन किया है.
नेटवर्क-18 के कर्मचारियों को भेजे गए मेल के मुताबिक, “प्रिय साथियों, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि आनंद नरसिम्हन पूरे नेटवर्क के अभियानों और संपादकीय आयोजनों के लिए ‘संपादकीय शेरपा’ होने की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालेंगे.”
मेल में कहा गया है, “मुझे यकीन है कि (इस फैसले के) परिणाम मौजूदा अभियानों जैसे शी-शक्ति और राइजिंग इंडिया के साथ-साथ भविष्य में बनने वाले अन्य संपादकीय कार्यक्रमों में रचनात्मकता और गुणवत्ता के नए मानक बनाएगी… इस भूमिका में, आनंद शीर्ष संपादकों और संपादकीय टीम के अन्य सहयोगियों, गणेश, मनप्रीत और सिद्धार्थ सैनी के नेतृत्व वाली टीमों के साथ काम करेंगे…”
गौरतलब है कि बहिष्कार के ऐलान के बाद इंडिया गठबंधन के निर्णय की आलोचना और समर्थन की बाढ़ आ गई थी. इसे मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला बताया गया. सत्ताधारी भाजपा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस फैसले की आलोचना की और मीडिया की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया. कुछ मीडिया संगठनों ने भी इस फैसले की आलोचना की है.
गठबंधन ने किन न्यूज़ एंकरों का बहिष्कार किया है, उसके बारे में जानने के लिए ये ख़बर पढ़ें.
Also Read
-
98% processed is 100% lie: Investigating Gurugram’s broken waste system
-
Delhi protests against pollution: ‘We have come to beg the govt for clean air’
-
The unbearable uselessness of India’s Environment Minister
-
After Sindoor, a new threat emerges: How ‘educated terror’ slipped past India’s security grid
-
Pixel 10 Review: The AI obsession is leading Google astray