Khabar Baazi
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर बीजेपी ने कहा- चीन, कांग्रेस, न्यूज़ क्लिक 'गर्भनाल' का हिस्सा
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म न्यूज़ क्लिक उस वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा था जिसे अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से लगातार फंडिंग हासिल हुई है. दावा किया गया है कि कॉर्पोरेट फाइलिंग से पता चलता है कि सिंघम के नेटवर्क ने न्यूज़ क्लिक को फंड दिया था. इस पर भारतीय जनता पार्टी ने न्यूज़ क्लिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रेस कांफ्रेंस की है, साथ ही काग्रेस पर जमकर हमला बोला है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि, घमंडिया गठबंधन और इस गठबंधन के नेता और इससे पोषित समर्थित लोग कभी भारत का हित नहीं सोच सकते हैं. भारत कैसे कमजोर हो, कैसे भारत विरोधी एजेंडे को हवा, खाद और पानी दिया जाए ये सब चिंता इससे जुड़े लोग करते हैं और इसमें दिन रात लगे रहते हैं. भारत लंबे समय से दुनिया को बता रहा था कि न्यूज़ क्लिक भी प्रचार का एक वैश्विक जाल है. कांग्रेस, चीन, न्यूज़ क्लिक सभी एक भारत विरोधी गर्भनाल से जुड़े हुए हैं.
इससे सिद्ध होता है कि राहुल गांधी की नकली मोहब्बत की दुकान में चीनी सामान साफ नजर आने लगा है. चीन के प्रति प्यार और भारत के खिलाफ दुष्प्रचार ये विदेशी जमीन पर भी और विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के माध्यम से भी प्रोपेगेंडा के तहत होता था. एक एजेंडा था जो एंटी इंडिया कंपैन चलाते थे.
वह आगे कहते हैं, न्यूज़ क्लिक की फंडिंग के खिलाफ जब रेड हुई तो वह पांच दिन तक चली और इसमें कहां से पैसा आया और किस किसको दिए गए सब पता चला, लेकिन तब भी सवाल उठे थे. इनकी फंडिंग का जाल देखेंगे तो विदेशी नेविल रॉय सिंघम ने फंडिंग की. और सिंघम को चाइना ने फंडिग की थी. उसका संबंध चाइना की कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना से है.
हमने 2021 में न्यूज़ क्लिक के बारे में खुलासा किया कि कैसे विदेशी हाथ भारत के खिलाफ हैं, कैसे विदेशी प्रोपेगेंडा भारत के खिलाफ है और ये एंटी इंडिया, ब्रेक इंडिया कैंपेन में कांग्रेस और विक्षी दल भी जुड़कर उनके साथ में आए थे. तब उन्होंने इसके समर्थन में ट्वीट किए थे. वे कहते थे कि कि भारत सरकार फ्रीडम ऑफ प्रेस के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
वहीं प्रेस कांफ्रेंस में शामिल केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कुछ देश कुछ राजनीतिक दलों और समाचार पोर्टलों की मदद से हमारे देश में गलत सूचना फैला रहे हैं. सरकार ने आईएसआई और खालिस्तानी गुर्गों द्वारा संचालित हजारों खातों को हटा दिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन मंचों को बढ़ावा देते हैं, चाहे वह लोकतंत्र के खतरे में होने के बारे में हो, न्यायपालिका से समझौता करने के बारे में हो या ईवीएम में धांधली के बारे में हो.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया. सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि देश में चीन के पैसे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाया गया. उन्होंने कहा कि न्यूज़क्लिक में चीन से पैसा आया. न्यूज़ क्लिक देश विरोधी है.
न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्ट
शनिवार को प्रकाशति एक खोजी रिपोर्ट में न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा कि गैर-लाभकारी मीडिया संस्थाओं के बारे में छुपी एवं अस्पष्ट बात यह है, कि नेविल रॉय सिंघम चीन सरकार के मीडिया मशीन के साथ काम करते हैं, और पूरी दुनिया में अपने प्रोपेगेंडा को प्रसारित करने के लिए मीडिया संस्थान को आर्थिक सहायता प्रदान करते हैं. सिंघम के नेटवर्क ने दिल्ली स्थित ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़ क्लिक को आर्थिक सहायता दी थी. यह वेबसाइट चीनी सरकार के विचारों को बढ़ावा देती है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि शी जिंपिंग के शासन काल में मीडिया के विस्तार एवं विदेशी प्रभावशाली मीडिया पर ध्यान दिया गया है. इसका लक्ष्य स्वतंत्र कंटेंट के नाम पर चीनी प्रोपेगेंडा को छुपाना है. इसका प्रभाव पड़ता देखा गया है. कट्टर वामपंथी समूह चीनी प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाते हैं और इसके बदले में चीनी संस्था आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं.
बता दें कि जब 2021 में न्यूज़ क्लिक के दफ्तर पर ईडी की कार्रवाई हुई थी तब संस्थान ने कहा था कि कि यदि जांच एजेंसियां और सरकार सत्य और कानून का पालन करेंगी तो हमारे बारे में किसी भी तरह की संदिग्ध जानकारी नहीं मिलेगी, और यह जांच प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी. क्योंकि न्यूज़ क्लिक अपनी संस्था के बारे में कुछ भी नहीं छुपाता है.
Also Read
-
‘Foreign hand, Gen Z data addiction’: 5 ways TV anchors missed the Nepal story
-
No bath, no food, no sex: NDTV & Co. push lunacy around blood moon
-
Mud bridges, night vigils: How Punjab is surviving its flood crisis
-
Adieu, Sankarshan Thakur: A rare shoe-leather journalist, newsroom’s voice of sanity
-
Corruption, social media ban, and 19 deaths: How student movement turned into Nepal’s turning point