एनएल चर्चा
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एनएल चर्चा 275: दरकते पहाड़ों से आती आफत, चांद को उड़ान भरता भारत और हिंसक होते चुनाव 

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय उत्तर भारत में भारी बारिश से बनी बाढ़ की स्थिति, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ना और खतरे के निशान से ऊपर बहना, पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा और पुनर्मतदान, सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडी के प्रमुख संजय मिश्रा के कार्यकाल को ख़त्म करना, विपक्ष की बेंगलुरु में होने जा रही दूसरी बैठक, उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के एक दलित कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार, महाराष्ट्र में शिंदे गुट के विधायकों को स्पीकर द्वारा नोटिस, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने पर गांधीनगर से पर्चा भरना, मणिपुर में फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों पर पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज करना, नए एफसीआरए नियमों के तहत सद्भावना ट्रस्ट का लाइसेंस रद्द करना, जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई और एक महिला रिपोर्टर के साथ बृजभूषण सिंह का दुर्व्यवहार आदि रहे.  

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान पत्रकार और शोधार्थी कविता उपाध्याय, स्वतंत्र पत्रकार स्निग्धेंदु भट्टाचार्य, न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ अभिनन्दन सेखरी और स्तंभकार आनंदवर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

हिमाचल में भारी बारिश से होने वाली तबाही से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “विकास के नाम पर जो दौड़ चल रही है और जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही बारिश, पहाड़ों का दरकना या बेहताशा गर्मी, इन सबके बीच संतुलन का क्या रास्ता है?”

इस सवाल के जवाब में कविता कहती हैं, “ऐसा कोई भी नहीं है जो यह कह रहा है कि विकास नहीं चाहिए. हाइड्रोपावर प्रोजेक्टस के अध्ययन के लिए जितनी भी कमेटी आज तक बनी हैं, उन्होंने ये नहीं कहा कि विकास नहीं होना चाहिए या सड़कें या प्रोजेक्ट्स बंद होने चाहिएं. उन्होंने कहा कि जितना हो सके प्रकृति को उतना कम नुकसान पहुंचाया जाए."

कविता आगे कहती हैं, “जैसे आप पहाड़ों पर चारलेन की सड़क नहीं बना सकते डबल लेन भी मुश्किल है. इसीलिए हमेशा इस बारे में चर्चा हुई कि सड़क चौड़ाई का वह कौन सा पैमाना हो जिसमें कम से कम असर पड़े, कम से कम पेड़ कटें और कम से कम भूस्खलन हो.”

इस विषय के अलावा दिल्ली में भारी बारिश और पश्चिम बंगाल में चुनावों के दौरान हुई हिंसा पर भी विस्तार से बातचीत हुई. सुनिए पूरी चर्चा- 

टाइम कोड्स:

00:00:00 - 00:21:18 - जरूरी सूचना व हैडलाइंस 

00:21:18 - 00:35:23 - उत्तर भारत में बारिश और पहाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर 

00:35:24 - 42:13 - चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण  

42:14 - 52:22 - पहाड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर

52:22 - 01:05 :45 - दिल्ली में बारिश 

01:05:50 - 01:22:40 - पश्चिम बंगाल चुनावों के दौरान हिंसा   

01:22:40 - जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

कविता उपाध्याय 

हृदयेश जोशी की किताब-

हिंदी में- तुम चुप क्यों रहे केदार 

अंग्रेजी में-  रेज ऑफ़ द रिवर: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ केदारनाथ डिजास्टर 

स्निग्धेंदु भट्टाचार्य 

मिलन कुंदेरा की किताब:  द बुक ऑफ लाफ्टर एंड फॉरगेटिंग 

अभिनंदन सेखरी 

मुज़्ज़फर अली की एल्बम: हुस्न ए जाना 

आनंद वर्धन 

निर्मल वर्मा का उपन्यास: वे दिन

अतुल चौरसिया 

अनुपम मिश्रा की किताब: आज भी खरे हैं तालाब

सौरज्य भौमिक की किताब:  गैंगस्टर स्टेट

ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा / भानू प्रताप

प्रोड्यूसरः आशीष आनंद  

एडिटर: चंचल गुप्ता 

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