Report
दिल्ली यमुना बाढ़: 'हमारा सामान दिला दो हम दिल्ली छोड़कर वापस अपने गांव चले जाएंगे'
राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में यमुना के बढ़ते पानी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां महिलाओं को शौचालय के लिए खुले में जाना पड़ रहा है, वहीं पानी और खाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हमने बाढ़ पीड़ितों की तमाम समस्याएं जानने के लिए मयूर विहार फेज-वन का दौरा किया. यहां पर लोग मयूर विहार ओवर ब्रिज और मेट्रो ट्रैक के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं.
सुबह के करीब 10 बजे राजो देवी अपने बच्चों की किताबें सुखा रही हैं. वह कहती हैं, "हम अपने गांव गए हुए थे तभी यहां पर बाढ़ आ गई. अब आए हैं तो पता चला कि हमारा सभी सामान भीग गया है. हमारा बक्सा भी टूट गया. मेरे दो बच्चे हैं एक 6वीं और दूसरा 7वीं में कक्षा में है. यहां पर काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है."
वहीं एक अन्य महिला कहती हैं, "हमें यहां पर शौच करने की सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है. खुले में जाना पड़ रहा है. पुरूष आते हैं तो उठना पड़ता है. सरकार की ओर से न खाना ठीक से मिल रहा है न पानी. 12 बजे पानी का टैंक आया है. अब बताइए जब 12 बजे पानी आएगा तो हम कब खाना खाएंगे और कब पानी पिएंगे? सरकार को हमारी पेशानियों पर ध्यान देना चाहिए."
11वीं में पढ़ने वाली रीना मौर्य कहती हैं कि हमें यहां पर सबसे ज्यादा शौचालय और पानी की दिक्कत हो रही है.
राहत कार्य में जुटे एनडीआरएफ की टीम के एक कर्मचारी कहते हैं कि पानी में जाकर सभी बंधे पशुओं को खोल दिया गया है. पानी ज्यादा है, इसलिए काफी सामान नीचे दबा हुआ है. इसलिए जब पानी कम होगा तो वह तो तभी निकल पाएगा. लेकिन अब कोई भी पशु अंदर नहीं है.
देखिए पूरा वीडियो-
Also Read
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project
-
Who moved my Hiren bhai?
-
I was at the India-Pakistan Oxford Union Debate and here’s what happened.
-
दो शहर, एक सी ‘राजनीति’, अब घरों के नाम पर निशाना बने मुसलमान?