Report

दिल्ली में बाढ़ जैसी स्थिति: पीड़ितों को न खाना मिला, न पानी

राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच गया है. इसकी वजह से दिल्ली में यमुना किनारे तटीय इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसके चलते दिल्ली के वजीराबाद, कश्मीरी गेट, सिविल लाइंस, राजघाट, आईटीओ, लाल किला, मयूर विहार और यमुना खादर के इलाकों में लगातार राहत एवं बचाव कार्य जारी है. यमुना किनारे बसे लोगों को वहां से हटाकर सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है. वहीं नोएडा और गाजियाबाद के भी कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं. पानी लोगों के घरों में घुस गया है.

आईटीओ से सोनीपत, हरियाणा की ओर जाने वाले रिंग रोड को भी बंद कर दिया गया है. रोड पर लगभग तीन से चार फीट पानी भर गया है. इसकी वजह से रिंग रोड को आईटीओ से लेकर वजीराबाद तक के लिए बंद कर दिया गया है. कश्मीरी गेट और वजीराबाद के बीच में पड़ने वाले इलाकों में से एक है मजनू का टीला. हमने राहत और बचाव कार्य की समीक्षा और लोगों का हाल जानने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया.

मजनू का टीला एक ऐसी जगह है जहां पर कच्चे और पक्के दोनों तरह के मकान हैं. यमुना के किनारे बसे होने के कारण इस जगह पर कुछ लोग यमुना में खेती किसानी भी करते थे. बुधवार सुबह नदी में पानी बढ़ने के कारण किसानों के घर डूब गए और जिनके पक्के मकान थे उनके भी मकानों में पानी भर गया है. 

इस इलाके में करीब 100 परिवार ऐसे हैं जिनके मकान के प्रथम तल पर पानी भर चुका है और वह छतों पर रहने को मजबूर हैं. वहीं यमुना खादर की तरफ रहने वाले किसान अपना जो कुछ भी सामान बचा था उसे समेटकर पास के पार्क में रह रहे हैं. 

दिल्ली सरकार लोगों की मदद के तमाम दावे कर रही है लेकिन इन लोगों के पास कोई मदद नहीं पहुंची है. पीड़ितों के पास न पीने का पानी है न खाने के लिए राशन. बच्चे भूख से बिलबिला रहे हैं और मां-बाप बेबस नजर आ रहे हैं. 

देखिए हमारी विडियो रिपोर्ट- 

Also Read: दिल्ली यमुना बाढ़: 'पहले हमारे जानवर निकालो बाद में हमें'

Also Read: G20: राजधानी को सुन्दर बनाने के लिए चल रहा बुलडोजर, अब तक करीब 18 हजार परिवार बेघर