Khabar Baazi
द वायर के संपादकों के खिलाफ मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को यह सत्यापित करने के लिए निर्देश जारी किए हैं कि क्या किसी प्रोफेसर द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत किया है, जिसमें विश्वविद्यालय को एक संगठित सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में बताया गया है.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाईकोर्ट एक याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने वायर के संपादक और उप संपादक को मानहानि के मामले में जारी किए गए समन को रद्द कर दिया था.
तब कोर्ट ने मार्च में जेएनयू में सेंटर फॉर स्टडी ऑफ लॉ एंड गवर्नेंस की प्रोफेसर और चेयरपर्सन अमिता सिंह द्वारा दायर आपराधिक मानहानि मामले में द वायर को राहत दी थी.
अदालत ने कहा था कि अमिता सिंह उन लोगों की एक टीम का नेतृत्व कर रही थीं जिन्होंने दस्तावेज संकलित किया था जिसमें कई ऐसी गतिविधियों को उजागर करने की बात कही थी. कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट यह समझने में असमर्थ है कि द वायर की रिपोर्ट ने न तो उन्हें किसी तौर पर बदनाम किया है न ही यह कहा है कि वे गलत गतिविधियों में शामिल हैं, फिर वह कैसे कह सकती हैं कि लेख अपमानजनक है.
पीटीआई के अनुसार, सोमवार को जस्टिस एसके कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने इस मामले में जेएनयू के कुलपति और वायर के संपादक और उप संपादक को नोटिस जारी किया.
पीटीआई के अनुसार, पीठ ने कहा कि जेएनयू के कुलपति यह सत्यापित करें कि क्या ऐसा कोई डोजियर प्रस्तुत किया गया था, और अगर किया था तो किस प्रभाव से और किसके द्वारा?
Also Read
-
Hafta x South Central feat. Josy Joseph: A crossover episode on the future of media
-
Encroachment menace in Bengaluru locality leaves pavements unusable for pedestrians
-
Let Me Explain: Karur stampede and why India keeps failing its people
-
TV Newsance Rewind: Manisha tracks down woman in Modi’s PM Awas Yojana ad
-
A unique October 2: The RSS at 100