Khabar Baazi
प्रेस कॉन्फ्रेंस में भेदभाव के आरोपों से पीएम का इंकार और हिंदी अख़बारों में हो रही जय-जयकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका में अपनी पहली राजकीय यात्रा पर हैं. ये पहली बार था जब नौ सालों से सत्तासीन पीएम नरेंद्र मोदी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का जवाब देने वाले थे. हालांकि, ये जिक्र आवश्यक है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से ही ये शर्त रख दी गई थी कि सिर्फ दो सवाल ही लिए जाएंगे, जिनमें एक अमेरिकी पत्रकार का होगा तो दूसरा भारतीय पत्रकार का. फिर पूरी दुनिया की निगाह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर थी. हर तरफ ये चर्चा थी कि पीएम मोदी से वो दो सवाल कौन से पूछे जाएंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और पीएम मोदी से अल्पसंख्यकों के हितों और अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करने को लेकर उठाए गए कदमों पर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है, ऐसे में भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता. पीएम के इस जवाब की कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं तो कुछ इसे मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं. आलोचना करने वाले कह रहे हैं कि पीएम का जवाब सवाल से इतर था तो मास्टरस्ट्रोक बताने वाले कह रहे हैं कि ये मोदी विरोधी लॉबी को करारा तमाचा है क्योंकि पीएम ने शानदार तरीके से जवाब दिया. आइए जानते हैं कि पीएम की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस और जवाब को हिंंदी के प्रमुख अखबारों ने किस तरीके से रिपोर्ट किया. बता दें कि पीएम मोदी की इस यात्रा को सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर प्रमुखता से जगह दी है.
दैनिक जागरण
हिंदी के प्रमुख अखबार दैनिक जागरण ने पीएम की इस यात्रा और प्रेस कॉन्फ्रेंस के जवाब को प्रमुखता से छापा है. खबर का शीर्षक है- ‘भारत अमेरिका के रिश्तों में नए युग की शुरुआत’. इसी खबर के बीच में पीएम मोदी द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए जवाब को हेडलाइन बनाया गया है. अखबार ने लिखा, अल्पसंख्यकों की स्थिति और मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत सरकार को घेरने की कोशिश में जुटी शक्तियों को पीएम नरेंद्र मोदी ने दो टूक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र को जीता है.
दैनिक भास्कर
दैनिक भास्कर ने भी पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को पहले पन्ने पर जगह दी है. यहां पहली खबर पीएम मोदी का अमेरिकी संसद को संबोधित करना है, जिसका शीर्ष है- ‘अमेरिका, इंडिया नए एआई: मोदी’. भास्कर ने भी पीएम मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को इसी खबर के बीच में प्रमुखता से जगह दी है और शीर्षक है- लोकतंत्र हमारे डीएनए में. हालांकि, अखबार ने इस दौरान सिर्फ पीएम के जवाब को ही लिखा है.
जनसत्ता
जनसत्ता अखबार की खबर का शीर्षक है- ‘हमारी रगों में लोकतंत्र, नहीं कोई भेदभाव’. खबर में अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है, लोकतंत्र को हम जीते हैं. हमारी पूर्वजों ने संविधान के रूप में इसे शब्दों में ढाला है. जब हम लोकतंत्र को जीते हैं तब भेदभाव की बात ही नहीं आती. अखबार ने अपनी खबर में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि पीएम मोदी से किस बारे में सवाल किया गया था.
अमर उजाला
हिंदी दैनिक अमर उजाला की खबर का शीर्षक है- ‘लोकतंत्र हमारे डीएनए में… भारत में किसी आधार पर कोई भेदभाव नहीं’. अखबार ने लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलता है. भारत की रगों और डीएनए में लोकतंत्र है. भारत सबको साथ लेकर आगे बढ़ने में विश्ववास रखता है. अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत में धर्म या जाति किसी आधार पर कोई भेदभाव नहींं होता. अख़बार लिखता है कि पीएम मोदी से एक पत्रकार ने भारत में धर्म के नाम पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सवाल पूछा था. हालांकि, सवाल क्या था. अखबार ने इसका जिक्र नहीं किया.
हिंदुस्तान
हिंदी के प्रमुख अखबार हिंदुस्तान ने भी पीएम मोदी के दौरे को ही प्रमुख खबर बनाया है. खबर का शीर्षक है- ‘भारत-अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र.’ अखबार ने इस दौरान पीएम मोदी के राजकीय दौरे के दौरान दिनभर क्या कुछ हुआ. उसे प्रुखता से बताया है. साथ ही प्रेसवार्ता का भी जिक्र किया है. प्रेसवार्ता का जिक्र करते हुए अखबार ने अमेरिकी पत्रकार के सवाल का भी जिक्र किया है. अखबार ने लिखा कि पीएम मोदी से सवाल किया गया था कि अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए मोदी सरकार क्या कदम उठा रही है?. इस पर मोदी ने कहा कि हमारी सरकार संविधान के आधार पर लोकतंत्र के मूल्यों को लेकर चलती है. इस तरह अगर हम लोकतांत्रिक मूल्यों को लेकर जीते हैं तो भेदभाव का सवाल ही नहीं उठता.
कुल मिलाकर, हिंदी के प्रमुख अखबारों ने पीएम मोदी की पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रमुख खबर तो बनाया है लेकिन इस पर विश्लेषणात्मक होने से बचे हैं. ज्यादातर अखबारों ने सवाल का जिक्र ही नहीं किया और न ही ये बताया कि सवाल क्या था और उसका पीएम मोदी ने जो जवाब दिया वो कितना उचित था. अखबार ये भी बताने से कतराने नजर आए कि पीएम मोदी सवाल के जवाब में भेदभाव के आरोपों को पूरी तरह नकार गए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की पत्रकार सबरीना सिद्दीकी ने पीएम मोदी से सवाल पूछा था. उनका सवाल था, ‘“आप और आपकी सरकार आपके देश में मुसलमानों समेत दूसरे समुदायों के अधिकारों को बेहतर बनाने और अभिव्यक्ति की आजादी को सुनिश्चित करने के लिए कौन से कदम उठाने के लिए तैयार हैं.”
Also Read
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project