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एनएल चर्चा 270: भारत के विदेशों से संबंध और बालासोर ट्रेन हादसा
इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय ओडिशा ट्रेन हादसा, मुंबई में एक शख्स द्वारा लिव इन पार्टनर के शव को टुकड़ों में काटना, नए संसद भवन में लगाए गए अखंड भारत के नक्शे पर विवाद, केंद्र सरकार द्वारा खरीफ की सभी फसलों के लिए एमएसपी का बढ़ाया जाना, ब्रिटिश थिंक टैंक द्वारा सेटेलाइट तस्वीरों के आधार पर दावा करना कि अक्साई चीन में तेजी से सैन्य निर्माण हुआ है, पहलवानों द्वारा खेलमंत्री से मुलाकात के बाद प्रदर्शन को 15 जून तक के लिए स्थगित करना, महाराष्ट्र और उत्तराखंड में मुसलमानों पर हिंसक हमले, कनाडा सरकार के फैसले के बाद सैंकड़ों भारतीय छात्रों पर मंडरा रहा डिपोर्ट होने का खतरा, कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा निकाली गई रैली के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या को झांकी के रूप में दिखाकर जश्न मनाया जाना आदि रहे.
चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और न्यूज़लॉन्ड्री के सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
अतुल चर्चा की शुरुआत संसद भवन के अंदर लगे अखंड भारत के नक़्शे पर उठे विवाद से करते हैं. वे स्मिता से पूछते हैं कि पहले नक्शे को अखंड भारत का बताया गया विवाद हुआ तो विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ये तो अशोक के साम्राज्य का नक्शा है, इस तरह सरकार की ये जो लापरवाही या चूक है वह विदेश नीति के मामलों में कैसे प्रभाव डालती है?”
इस सवाल के जवाब में स्मिता कहती हैं, “इसे लापरवाही या चूक नहीं कहा जा सकता. लापरवाही वह है जो गैर इरादतन की गई हो और गलती से हो जाए. यहां तो निरंतर एक पैटर्न दिखता है और लगता है कि ये सोचा समझा हुआ कदम है. हालांकि, निश्चित रूप से यह विदेश नीति के लिए सकारात्मक प्रभाव वाला फैसला नहीं है. वैसे भी अखंड भारत तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सबसे बड़ा कल्चरल कॉन्सेप्ट है. ऐसे में सरकार का ऐसे कदम उठाना उसी कॉन्सेप्ट का रिफ्लेक्शन है.”
इसी मुद्दे पर शार्दूल कहते हैं, “अगर आपको (सरकार को) ऐसे मुद्दे उठाने भी हैं, उनपर बात करनी है तो उसका एक तरीक़ा होता है लेकिन भाजपा जिस तरह से इन मुद्दों को इस्तेमाल कर रही है, वह इन पर कोई ठोस दृष्टिकोण बनाने की बजाए सिर्फ वोट की राजनीति के लिए इस्तेमाल करने तक सीमित रह जाता है. वे कहते हैं कि चीजों को ऐसे हैंडल करना चाहिए कि उसमें हमारा फायदा हो न कि संबंध बिगड़ें.”
अवधेश कुमार इस विषय पर अपने विचार रखते हुए कहते हैं, “आपके रिश्ते पहले ही पड़ोसी देशों के साथ अच्छे नहीं हैं. उसके बाद इस तरह के क़दम उठाना ठीक नहीं है. आपको इस पर ठीक से विचार करना चाहिए.”
इसके अलावा ओडिशा ट्रेन हादसे पर भी विस्तार से बात हुई. सुनिए पूरी चर्चा.
टाइम कोड्स:
00:00:00 - 00:29:35 - इंट्रो व हैडलाइंस
00:29:35 - 00:56:42 - नई संसद में अखंड भारत का नक्शा
00:57:21 - 01:03:00 - ओडिशा ट्रेन हादसा
01:19:00 - जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव
पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए-
स्मिता शर्मा
सुनो इंडिया पॉडकास्ट- बियॉन्ड नेशन एंड स्टेट
स्क्रॉल पर पूर्व रेलवे इंजीनियर अलोक कुमार वर्मा का इंटरव्यू
जिग्ना वोरा की किताब- बिहाइंड बार्स इन बाइकुलाः माई डेज़ इन प्रिज़न
शार्दूल कात्यायन
डॉक्यूमेंट्री: द डेंजर्स ऑफ़ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिज्म
पॉडकास्ट: माइंड की बात: बाइपोलर डिसऑर्डर
गेम: स्ट्रीट फाइटर 6
अतुल चौरसिया
बसंत कुमार की ओडिशा ट्रेन हादसे पर ग्राउंड रिपोर्ट्स
अवधेश कुमार
वेब सीरीज: स्कूप
ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा
प्रोड्यूसरः चंचल गुप्ता
एडिटर: उमराव सिंह
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