Karnataka Election 2023 NL Hindi

कर्नाटक चुनाव: मुस्लिम कोटा, कांग्रेस में कलह और कास्ट सेंसस पर क्या बोले वीरप्पा मोइली?

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी राजनीतिक दल चुनावी दंगल में एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. इसी दंगल की अंदरूनी तस्वीर आप तक भी पहुंचे इसके लिए न्यूज़लॉन्ड्री आपके सहयोग से फंड किए गए कर्नाटक चुनाव एनएल सेना प्रोजेक्ट के जरिए ग्राउंड जीरो पर मौजूद है. इसी कड़ी में न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और यूपीए के दौरान केंद्र में मंत्री रहे एम. वीरप्पा मोइली से बेंगलुरु में चुनावी चर्चा की.

भाजपा सरकार द्वारा कर्नाटक में चार प्रतिशत मुस्लिम कोटा समाप्त करके इसे लिंगायत एवं वोक्कालिंगा (उच्चारणः ओकलालिगा) समुदाय के बीच विभाजित करने की घोषणा, कर्नाटक चुनाव में अहम मुद्दा बनी हुई है. जहां बीजेपी दावा करती है कि उसने पहले की सरकारों के एक गलत फैसले को ठीक किया है तो वहीं, कांग्रेस इसे बहाल करने के बहाने खुद को सामाजिक न्याय के पैरोकार के रूप में पेश कर रही है. 

इस पर मोइली कहते हैं कि मुस्लिम कोटा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के लिए नहीं था, बल्कि सामाजिक-आर्थिक संकेतकों पर आधारित था. जातिगत जनगणना के लिए पार्टी की मांग को दोहराते हुए वे कहते हैं कि यह कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक अहम शर्त है.

प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज करते हुए मोइली कहते हैं कि मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी नेता सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कोई खींचतान नहीं है.

शिवकुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले पर मोइली का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि वह सभी आरोपों से मुक्त हो जाएंगे, क्योंकि भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति के आरोपों में अंतर है.

इस वीडियो इंटरव्यू में देखिए वीरप्पा मोइली से पूरी बातचीत. 

क्या मीडिया सत्ता या कॉर्पोरेट हितों के बजाय जनता के हित में काम कर सकता है? बिल्कुल कर सकता है, लेकिन तभी जब वह धन के लिए सत्ता या कॉरपोरेट स्रोतों के बजाय जनता पर निर्भर हो. इसका अर्थ है कि आपको खड़े होना पड़ेगा और खबरों को आज़ाद रखने के लिए थोड़ा खर्च करना होगा. सब्सक्राइब करें.

Also Read: एक और चुनावी शो: न्यूज़लॉन्ड्री और द न्यूज़ मिनट के साथ कर्नाटक चुनाव पर चर्चा

Also Read: कर्नाटक में चुनावी महीना और समुदाय आधारित जनाधार पर निशाना