Report
बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर एक बार फिर जंतर-मंतर पर जुटे पहलवान
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर एक बार फिर देश के पहलवान धरने पर बैठ गए हैं.
अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित दर्जनभर पहलवान रविवार दोपहर बाद से जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. पहलवानों ने रविवार की रात जंतर-मंतर पर ही सोकर बिताई.
न्यूज़लांड्री से बात करते हुए पहलवान साक्षी मलिक ने बताया, "शुक्रवार को सात महिला खिलाड़ियों ने दिल्ली के कनाट प्लेस थाने में यौन उत्पीडन की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन रविवार तक पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की. इसलिए हम को फिर से धरने पर बैठना पड़ रहा है."
बता दें कि जनवरी महीने में इन्हीं पहलवानों ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे. आरोपों का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने जांच के लिए छह सदस्य कमेटी का गठन किया था. गठित कमेटी को एक महीने के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था और तब तक के लिए बृजभूषण शरण सिंह को अध्यक्ष पद से निलंबित कर दिया गया था. करीब ढाई महीने बाद अप्रैल के पहले हफ्ते में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी लेकिन यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कि जिसको लेकर पहलवानों ने आपत्ति जताई है.
पहलवान बजरंग पूनिया ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "रिपोर्ट तैयार करने के दौरान निष्पक्ष जांच नहीं की गई और इस रिपोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई है. हम इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए हमने एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने दर्ज नहीं की."
वहीं विनेश फोगाट ने कहा, "इस देश में इतने सारे कानून निष्पक्ष जांच के लिए बने हैं क्या हमारे लिए एक भी कानून काम नहीं करेगा. सिंह भाजपा के सांसद हैं शायद इसलिए कार्रवाई नहीं हो रही है."
वहीं पहलवान साक्षी मलिक ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों और खाप पंचायतों से हाथ जोड़कर समर्थन मांगा है.
बजरंग पूनिया ने बताया कि यह धरना प्रदर्शन तब तक चलता रहेगा जब तक भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है. उन्होंने कहा कि हम तब तक जंतर-मंतर पर बैठे रहेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं.
देखिए यह वीडियो रिपोर्ट-
Also Read
-
Exclusive: India’s e-waste mirage, ‘crores in corporate fraud’ amid govt lapses, public suffering
-
4 years, 170 collapses, 202 deaths: What’s ailing India’s bridges?
-
‘Grandfather served with war hero Abdul Hameed’, but family ‘termed Bangladeshi’ by Hindutva mob, cops
-
India’s dementia emergency: 9 million cases, set to double by 2036, but systems unprepared
-
Vaishnaw: Blocked over 1,400 URLs on digital media during Op Sindoor