Report
राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने के बाद विरोध प्रदर्शन और बैठकों का दौर जारी
गुजरात के सूरत कोर्ट द्वारा 23 मार्च को राहुल गांधी के खिलाफ सुनाए गए फैसले के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर जानकारी दी.
अधिसूचना में बताया गया है कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से अयोग्य करार दिया जाता है. इससे पहले कोर्ट ने दो साल की सजा भी सुनाई थी. हालांकि राहुल गांधी को 30 दिन का समय इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए दिया गया है.
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी पत्र के बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रेस कांफ्रेंस की. वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह निडर होकर बोलते रहे हैं. वह इसकी कीमत चुका रहे हैं. यह सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए नई तरकीब खोज रही है.
सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस सासंद जयराम रमेश ने एक ट्वीट कर बताया कि, अडानी को लेकर 7 फरवरी को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण के 9 दिन बाद, 16 फरवरी को उनके खिलाफ मानहानि का मामला शिकायतकर्ता द्वारा हाईकोर्ट में अपना स्टे वापस लेने के कारण तेज हो जाता है. 27 फरवरी को बहस एक साल बाद फिर से शुरू हुई. 17 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया जाता. क्या ये महज संयोग है?
इस फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी दफ्तर के अंदर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पूर्व सांसद उदित राज ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहा, “अडानी मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए यह सब किया जा रहा है. सरकार को डर है कि राहुल गांधी संसद में आएंगे और बोलेंगे तो इनका पर्दाफाश होगा.”
देशभर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता सदस्यता रद्द किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई है.
Also Read
-
‘Not a Maoist, just a tribal student’: Who is the protester in the viral India Gate photo?
-
130 kmph tracks, 55 kmph speed: Why are Indian trains still this slow despite Mission Raftaar?
-
Supreme Court’s backlog crisis needs sustained action. Too ambitious to think CJI’s tenure can solve it
-
Malankara Society’s rise and its deepening financial ties with Boby Chemmanur’s firms
-
Govt is ‘judge, jury, and executioner’ with new digital rules, says Press Club of India