Khabar Baazi
रामनाथ गोयनका अवॉर्ड: "लोकतंत्र के लिए पत्रकारिता की स्वतंत्रता जरूरी"
साल 2019 और 2020 के रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार के विजेताओं आज दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया गया. इस दौरान समारोह के मुख्य अतिथि न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने विजेताओं को सम्मानित किया.
इस बार रामनामथ गोयनका पुरस्कार के लिए कई और विषयों को भी शामिल किया गया. गोयनका अवॉर्ड जीतने वाली कहानियों में साइबर सिक्योरिटी, जलवायु परिवर्तन, हाथरस गैंगरेप मामले के बाद की रिपोर्ट शामिल हैं.
रामनाथ गोयनका पुरस्कार पाने वाले विजेताओं की सूची-
हिंदी, 2019
प्रिंट- आनंद चौधरी, दैनिक भास्कर
ब्रॉडकास्ट- सुशील महापात्रा
हिंदी, 2020
प्रिंट- ज्योति यादव और बिस्मि तास्किन
ब्रॉडकास्ट- आशुतोष मिश्रा, आज तक
क्षेत्रीय भाषा, 2019
प्रिंट- अनिकेत वसंत साठे, लोकसत्ता
ब्रॉडकास्ट- सुनील बेबी, मीडिया वन टीवी
क्षेत्रीय भाषा, 2020
प्रिंट- श्री लक्मी एम और रोज मारिया विंसेंट, मातृभूमि डॉट कॉम
ब्रॉडकास्ट- श्रीकांत बंगाली, बीबीसी न्यूज़, मराठी
अनकवरिंग इंडिया इनविजिबल, 2019
प्रिंट- शिव सहाय सिंह, द हिंदू
ब्रॉडकास्ट- त्रिदिप के मंडल, द क्विंट
अनकवरिंग इंडिया इनविजिबल, 2020
प्रिंट- थॉमसन रॉयटर्स
ब्रॉडकास्ट- संजय नंदन, एबीपी नेटवर्क
रिपोर्टिंग ऑन पॉलिटिक्स एंड गवर्नमेंट, 2019
प्रिंट- धीरज मिश्रा, द वायर
ब्रॉडकास्ट- सिमी पाशा, द वायर
रिपोर्टिंग ऑन पॉलिटिक्स एंड गवर्नमेंट, 2020
ब्रॉडकास्ट- बिपाशा मुखर्जी, इंडिया टुडे टीवी
एनवायरमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिपोर्टिंग, 2019
प्रिंट- टीम परी
ब्रॉडकास्ट- टीम, स्क्रॉल डॉट इन
एनवायरमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिपोर्टिंग, 2020
प्रिंट- मनीष मिश्रा, अमर उजाला
ब्रॉडकास्ट- फे डी-सूजा और अरुण रंगास्वामी, फ्री मीडिया इंटरएक्टिव
बिजनेस एंड इकॉनॉमिक जर्नलिज्म़, 2019
प्रिंट- सुमंत बैनर्जी, बिजनेस टुडे
ब्रॉडकास्ट- आयुषी जिंदल, इंडिया टुडे टीवी
बिजनेस एंड इकॉनॉमिक जर्नलिज्म़, 2020
प्रिंट- ओमकार खांडेकर, एचटी-मिंट
इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग, 2019
प्रिंट- कुनैन शरीफ एम, इंडियन एक्सप्रेस
ब्रॉडकास्ट- एस महेश कुमार, मनोरमा न्यूज़
इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग, 2020
प्रिंट- तनुश्री पांडे, इंडिया टुडे
ब्रॉडकास्ट- मिलन शर्मा, इंडिया टुडे टीवी
फॉरेन कॉरपोंडेंट कवरिंग इंडिया, 2020
जोएना स्लेटर, द वाशिंगटन पोस्ट
स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म, 2019
प्रिंट- निहाल कोशी, इंडियन एक्सप्रेस
ब्रॉडकास्ट- टीम न्यूज़ एक्स
स्पोर्ट्स जर्नलिज़्म, 2020
प्रिंट- मिहिर वसावड़ा, इंडियन एक्सप्रेस
ब्रॉडकास्ट- अजय सिंह, एनडीटीवी इंडिया
रिपोर्टिंग ऑन आर्ट्स, कल्चर एंड एंटरटेनमेंट 2020
प्रिंट- तोरा अग्रवाल
प्रकाश कार्डले मेमोरियल अवॉर्ड फॉर सिविक जर्नलिज़्म, 2019
प्रिंट- चैतन्य मरपकवार, मुंबई मिरर
प्रकाश कार्डले मेमोरियल अवॉर्ड फॉर सिविक जर्नलिज़्म, 2020
प्रिंट- शेख अतीक राशिद, इंडियन एक्सप्रेस
फोटो जर्नलिज़्म, 2019
जीशान अकबर लतीफ, द कैरवन
फोटो जर्नलिज़्म, 2020
तरुण रावत, टाइम्स ऑफ इंडिया
बुक्स (नॉन फिक्शन) 2019
अरुण मोहन कुमार, पेंग्विन रैंडम हाउस, इंडिया
बुक्स (नॉन फिक्शन) 2020
त्रिपुदमन सिंह, पेंग्विन रैंडम हाउस, इंडिया.
क्या बोले जस्टिस चंद्रचूड़
रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार के विजेताओं को सम्मानित करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है. उन्होंने कहा, "मीडिया किसी भी राजसत्ता का चौथा अंग है और इसीलिए वह लोकतंत्र का एक अहम हिस्सा है. एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ये जरूरी है कि पत्रकारिता का संस्थागत तरीके से विकास हो और वह सत्ता से मुश्किल सवाल पूछ सके या जैसा कि लोग कहते भी हैं कि सत्ता को सच का आइना दिखाए."
उन्होंने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र की विधिवता पर तब खतरा मंडराने लगता है जब पत्रकारिता को उसका धर्म निभाने से रोका जाता है. किसी भी देश के लोकतंत्र बने रहने के लिए आवश्यक है कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता बरकरार रहे.
राजकमल झा के तीखे व्यंग्य बाण
मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ के बाद इंडियन एक्सप्रेस समूह के संपादक राजकमल झा ने वोट ऑफ थैंक्स किया. इस दौरान उन्होंने चिर-परिचित अंदाज में समारोह में सत्ताधारी पार्टी के नुमाइंदों के सामने व्यंग्य बाण चलाए. राजकमल झा ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद के सामने ये कहकर सबको हंसने पर मजबूर कर दिया कि उनके वोट ऑफ थैंक्स के भाषण में सिर्फ थैंक्स है, वोट नहीं. साथ ही हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीलबंद लिफाफे स्वीकार किए जाने से इनकार करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी चुटीले अंदाज में जिक्र किया.
इस दौरान राजकमल ने सुप्रीम कोर्ट की भूमिका को अहम बताते हुए कहा कि जब-जब सत्ता निरंकुश होकर पत्रकार और पत्रकारिता की स्वतंत्रता को कुचलने के प्रयास करती है तब वे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाते हैं. समारोह में राजकमल ने कुछ ऐसे मामलों का भी जिक्र किया जब केंद्र और राज्य सरकारों ने सवाल पूछने या आलोचना करने पर लोगों को जेल भेजने का काम किया.
बता दें कि इंडियन एक्सप्रेस समूह के संस्थापक रामनाथ गोयनका के नाम पर यह पुरस्कार हर साल दिए जाते हैं. हालांकि, कोरोना महामारी के चलते पिछले कुछ वक्त से ऐसा नहीं हो पाया था. पत्रकारों के हौसले, हिम्मत और काम के प्रति निष्ठा को देखते हुए ये पुरस्कार दिया जाता है. प्रत्येक विजेता को एक ट्रॉफी और एक लाख रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाता है. यह पुरस्कार प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल और खोजी पत्रकारिता के अलावा स्थानीय भाषा के लिए भी दिया जाता है.
Also Read
-
Kutch: Struggle for water in ‘har ghar jal’ Gujarat, salt workers fight for livelihoods
-
Hafta 483: Prajwal Revanna controversy, Modi’s speeches, Bihar politics
-
Can Amit Shah win with a margin of 10 lakh votes in Gandhinagar?
-
TV Newsance 251: TV media’s silence on Revanna ‘sex abuse’ case, Modi’s News18 interview
-
Amid Lingayat ire, BJP invokes Neha murder case, ‘love jihad’ in Karnataka’s Dharwad