Khabar Baazi
हरियाणा में पत्रकार को जेल, भाजपा विधायक के बेटे ने दर्ज कराया मामला
हरियाणा में भाजपा विधायक के बेटे की शिकायत पर एक पत्रकार को जेल भेज दिया गया है. मामला प्रदेश के फतेहाबाद जिले का है. जहां की रतिया विधानसभा सीट से विधायक लक्ष्मण नापा के बेटे सुमित कुमार ने पत्रकार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस को दी शिकायत में आरोप है कि टीवी पत्रकार जसपाल सिंह सोशल मीडिया के जरिए विधायक नापा के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था. सुमित कुमार ने पत्रकार पर ये भी आरोप लगाया है कि वह जानबूझकर उनके पिता को निशाना बना रहा था क्योंकि वे दलित समुदाय से संबंध रखते हैं. हालांकि, प्रदेश के कई मीडिया संगठनों ने पत्रकार को जेल भेजे जाने की निंदा की है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा विधायक के बेटे सुमित कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए उनके पिता की छवि धूमिल की जा रही है. कुमार ने आरोप लगाया कि पत्रकार जसपाल सिंह ने 16 मार्च को व्हाट्सएप और फेसबुक के कई ग्रुप्स में एक खबर साझा की. जिसमें कथित तौर पर उनके विधायक पिता की एक सट्टेबाजी के केस में संलिप्तता बताई गई थी. सुमित का दावा है कि इस केस में जब एफआईआर दर्ज की गई तो उनके पिता रतिया में मौजूद नहीं थे. सुमित ने आगे कहा कि दलित जाति से संबंधित होने के चलते उनके पिता की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाया गया.
शिकायत के बाद पुलिस ने जसपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. पत्रकार जसपाल सिंह पर आईटी एक्ट की धारा 67, आईपीसी की धारा 384 (उगाही) और 500 (मानहानि) के तहत मुकदमा दर्ज किया है. इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट की भी विभिन्न धाराएं जोड़ी गई हैं.
वहीं, पत्रकार की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही, जिले भर से कई अन्य पत्रकार जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा से मिलने पहुंचे. पत्रकारों ने जसपाल की तुरंत रिहाई की मांग की. साथ ही पत्रकारों ने एफआईआर रद्द किए जाने की भी मांग की. इसके बाद पत्रकारों ने जिला पुलिस अधिकारी आस्था मोदी से भी मुलाकात की.
पत्रकारों का कहना है कि जसपाल सिंह को उनके घर से उठाया गया. पुलिस की इस कार्रवाई को पत्रकारों ने स्वतंत्र आवाजों को दबाने का नाम दिया.
इंडियन जर्नलिस्ट्स यूनियन के सचिव और चंडीगढ़ प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष बलविंदर सिंह जम्मू ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में पिछले कुछ सालों में कई पत्रकारों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं. ऐसे सभी मामलों को अविलंब वापस लिया जाना चाहिए." इनके अलावा कांग्रेस नेता विनीत पूनियां ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है.
Also Read
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
Ground still wet, air stays toxic: A reality check at Anand Vihar air monitor after water sprinkler video
-
Chhath songs to cinema screen: Pollution is a blind spot in Indian pop culture
-
Mile Sur Mera Tumhara: Why India’s most beloved TV moment failed when it tried again
-
Crores of govt jobs, cash handouts: Tejashwi Yadav’s ‘unreal’ promises?