Report
हरियाणा: गौरक्षकों द्वारा जुनैद और नासिर का अपहरण, हत्या, शव गाड़ी सहित आग के हवाले
गौ तस्करी के शक में कथित तौर पर दो मुस्लिम युवकों नासिर (28) और जुनैद (40) के अपहरण और पीटकर गाड़ी सहित जला कर मार दिए जाने के आरोप में राजस्थान पुलिस ने हरियाणा में बजरंग दल के नेता और कथित गौरक्षक मोहित यादव उर्फ़ मोनू मानेसर और उसकी टीम के 4 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने आरोपी रिंकू सैनी को गिरफ्तार भी कर लिया है.
16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में एक जली हुई बोलेरो में 2 लोगों के जले हुए शव मिले थे. गाड़ी के चेसिस नंबर से पता चला कि दोनों मृतक राजस्थान के भरतपुर जिले में आने वाले घाटमिका गांव के रहने वाले जुनैद और नासिर है.
मृतक जुनैद के चचेरे भाई मोहम्मद इस्माइल ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. इस्माइल ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया कि 14 फरवरी की सुबह नासिर और जुनैद बोलेरो में हरियाणा के घाटा गांव के अपने घर से रिश्तेदारी में जाने के लिए निकले, लेकिन शाम तक वापस नहीं आए. शाम को जुनैद की पत्नी ने जुनैद को फोन लगाया तो उनका फोन बंद आ रहा था. फिर उन्होंने यह बात इस्माइल को बताई जिसके बाद इस्माइल दोनों को ढूंढने निकले. रात में, हरियाणा के घाटा के रहने वाले भूतपूर्व सरपंच ने इस्माइल को फोन पर बताया कि "हरियाणा के फिरोजपुर झिरका थाने में नासिर और जुनैद को घायल अवस्था में कुछ लोग लेकर गए और पुलिस को गौ तस्करी के आरोप में दोनों को गिरफ्तार करने को कहा. लेकिन पुलिस ने नासिर और जुनैद की हालत को देखते हुए गिरफ्तार करने से मना कर दिया है."
यह खबर सुनते ही इस्माइल अपने साथ गांव वालों और घाटा के भूतपूर्व सरपंच को को लेकर हरियाणा के फिरोजपुर झिरका पुलिस स्टेशन गए. यहां पुलिस ने उन्हें बताया कि बजरंग दल के कुछ लोग नासिर और जुनैद को यहां लेकर आए थे, लेकिन उनकी हालत बहुत खराब थी तो हमने उनसे कहा कि यह राजस्थान का मामला है, इनको राजस्थान पुलिस के पास ले जाओ.
इस्माइल ने आगे बताया कि, " फिरोजपुर झिरका पुलिस ने उन्हें बजरंग दल के मोनू मानेसर, रिंकू सैनी, अनिल श्रीकांत और लोकेश सिंघला का नाम लिख कर दिया और कहा कि आप लोग जाकर अपने स्थानीय थाने में खाने में शिकायत दर्ज कराएं."
तत्पश्चात् इस्माइल अपने गांव पहुंचे और उन्होंने राजस्थान के गोपालगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई.
शिकायत दर्ज कराने के 1 दिन बाद भी नासिर और जुनैद का कोई पता नहीं चला. 16 फरवरी की सुबह इस्माइल गांव वालों के साथ गोपालगढ़ थाने में पूछताछ करने के लिए जा रहे थे. वह थाने पर पहुंचे ही थे कि तभी उस बोलेरो मालिक का फोन आया, जिसकी गाड़ी लेकर नासिर और जुनैद निकले थे. बोलेरो मालिक ने बताया कि हरियाणा के भिवानी जिले के लोहारू में एक बोलेरो में 2 लोगों को गाड़ी सहित जला दिया गया है. गाड़ी के चेचिस नंबर से यह मालूम हुआ कि यह वही गाड़ी है, जिसको लेकर नासिर और जुनैद निकले थे.
यह बताते हुए इस्माइल भावविव्हल हो गए और रोते हुए बोले, "क्या कसूर था नासिर और जुनैद का? उनको क्यों जला दिया गया? अगर वह कोई गैरकानूनी काम कर रहे थे तो पुलिस के हवाले करते, कानून अपना काम करता, लेकिन उन्होंने मेरे भाइयों को जला दिया."
17 फरवरी को जब न्यूजलॉन्ड्री की टीम मृतक नासिर और जुनैद के गांव घाटमिका पहुंची तो गांव में मातम का माहौल था. नासिर की पत्नी रो-रो कर बेहोश हो गई थीं, उनके भाई हामिद भी सदमे से बेहोश हो चुके थे. कुछ ऐसा ही माहौल जुनैद के घर पर भी था. जुनैद के बड़े भाई की दिमागी स्थिति ठीक नहीं रहती, इसलिए जुनैद अपने परिवार के साथ-साथ बड़े भाई के परिवार का खर्चा भी उठाते थे. वह अपने परिवार में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति थे. जब हम जुनैद के घर पहुंचे तो उनकी पत्नी भी बेहोश पड़ी थीं. उनकी बहन हमसे बात करना चाहती थीं लेकिन 2 दिन तक लगातार रोने के कारण उनके गले से आवाज तक नहीं निकल पा रही थी. उन्होंने रोते हुए बड़ी मुश्किल से कहा, "हमें कुछ नहीं चाहिए. हमें बस इंसाफ चाहिए."
नासिर की बहन ने हमें बताया कि उनके माता पिता की मृत्यु बहुत पहले हो गई थी. नासिर और उनकी पत्नी मजदूरी करते थे. अब नासिर की मौत के बाद उनकी पत्नी अकेली हो गई हैं. उनके परिवार में न सास-ससुर हैं, और न ही कोई जमीन-जायदाद. उन्हें डर सता रहा है कि गुजारा कैसे होगा.
17 फरवरी के सुबह 11:00 बजे राजस्थान पुलिस ने मृतक जुनैद और नासिर के शवों के अवशेष परिजनों को सौंप दिए. पुलिस ने कुछ हड्डियां और राख ही परिवारों के सुपुर्द कीं, जिन्हें देर शाम दफना दिया गया.
राजस्थान पुलिस ने परिवार की शिकायत के आधार पर मोनू मानेसर और उसके चार साथियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 (अपहरण) ,367 (बड़ा नुकसान पहुंचाने के इरादे से अपहरण), 368 (अपहरण के बाद नाजायज़ तरीके से कैद करना) और 143 (गैरकानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया है. मोनू, हरियाणा सरकार द्वारा गठित काउ विजिलेंस टीम के सदस्य हैं. मोनू और उनकी टीम, पुलिस के साथ मिलकर कथित गौ-तस्करों को पकड़ती है.
इससे पहले, 28 जनवरी को हरियाणा के नूंह में वारिस, शौक़ीन और नफीस की मौत के बाद भी उनके परिजनों ने मोहित यादव उर्फ़ मोनू पर हत्या का आरोप लगाया था. वारिस के परिवार का कहना था कि तथाकथित गौ-तस्करी के शक में मोनू और उनकी टीम के लोगों ने वारिस को पीटा, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी. जबकि हरियाणा पुलिस ने कहा कि वारिस की मौत पिटाई से नहीं बल्कि एक्सीडेंट से हुई थी.
मोनू गौ-तस्करों से कथित मुठभेड़ के वीडियो अपने सोशल मीडिया पर भी डालते रहते हैं. मोनू के फेसबुक पर 80 हजार फॉलोवर और यूट्यूब पर दो लाख सब्सक्राइबर हैं.
घटना के बाद से ही फरार चल रहे मोनू मानेसर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर खुद को निर्दोष बताया. इस मामले की जांच राजस्थान और हरियाणा की पुलिस कर रही हैं. पुलिस का कहना है कि शवों की पुख्ता पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है और मामले की जांच चल रही है.
देखिए यह वीडियो रिपोर्ट-
Also Read: पेरिस: जिन रज़ा को पहले नहीं देखा
Also Read
-
Newsance 274: From ‘vote jihad’ to land grabs, BJP and Godi’s playbook returns
-
‘A boon for common people’: What’s fuelling support for Eknath Shinde?
-
Exclusive: Sharad Pawar on BJP-NCP’s 2019 ‘dinner meeting’ at Adani’s home
-
Why is Jharkhand’s youth rallying behind this 30-year-old political outsider?
-
‘Development only for Modi-Adani?’: Cong’s Jyoti Gaikwad on Dharavi, Adani, political legacy