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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, याचिका खारिज
पत्रकार राणा अय्यूब को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने गाजियाबाद की विशेष अदालत द्वारा अय्यूब को जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
दरअसल अय्यूब को विशेष अदालत पीएमएलए द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी करते हुए 27 जनवरी को पेश होने को कहा गया था. जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस पर कोर्ट ने आज याचिका खारिज करते हुए कहा कि अय्यूब को अदालत में पेश होना ही पड़ेगा.
बता दें कि 7 सितंबर 2021 को आईपीसी के धारा 403 (सम्पत्ति का बेईमानी से गबन), 406 (विश्वास का आपराधिक हनन), 418 (छल करना), 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 66 डी के तहत अय्यूब पर एफआईआर दर्ज हुई थी.
शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन ने उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने केटो वेबसाइड के जरिए असम, बिहार, महाराष्ट्र आदि राज्यों की आम जनता से कोविड 19 के नाम पर अवैध रूप से धर्मार्थ के नाम धोखाधड़ी कर धन का गबन किया.
सांस्कृतायन ने अपनी शिकायत में बताया था कि राणा अय्यूब ने केटो वेबसाइड के जरिए अप्रैल-मई 2020, जून सितंबर 2020 और मई-जून 2021 के दौरान तीन कैंपेन चलाए थे. पहला झुग्गी में रहने वालों और किसानों के लिए, दूसरा, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य के लिए और तीसरा कोरोना महामारी से प्रभावित लोगों के लिए. इन तीनों कैंपेन से राणा ने करोड़ों रुपए इकठ्ठा किए.
शिकायत में आगे लिखा गया था कि अय्यूब ने सरकार से किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र/पंजीकरण के बिना विदेशी धन हासिल किया, जो कि विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 के अनुसार उल्लंघन है.
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