Media
नफरती भाषण दिखाने पर मीडिया संस्थान को दिल्ली पुलिस का नोटिस, पर क्यों?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें जंतर-मंतर पर साधु के भेष में एक वृद्ध मुसलमानों और ईसाईयों को मारने काटने की बात कर रहे हैं.
मॉलिटिक्स द्वारा जारी इस वीडियो में बाबा कह रहे हैं, "ईसाइयों ने कहा तोड़ो बांटो राज करो, मुसलमानों ने कहा मारो-काटो - अरे भाई तुम कब मारो काटोगे, जब तुम मर जाओगे? कब मारोगे? अरे ईसाई मुसलमानों को कब मारोगे? अरे तुम्हारे पास क्या है जो मारोगे? इतनी सी चाकू है जिससे सब्जी काटते हो. उस चाकू से कुछ नहीं होने वाला है, हथियार रखो!"
सांप्रदायिक दुर्भाव से भरा यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस कथित बाबा का नाम महामंडलेश्वर हरि सिंह बताया जा रहा है.
मॉलिटिक्स के इस वीडियो में यह बाबा एक पत्रकार के सवाल पर आगे कहते हैं, “हम तो प्यार की बात करते हैं. हमारे लिए तो पूरा विश्व एक है.” इस बीच पत्रकार कहते हैं कि आप तो गोली मारने की बात करते हैं? जवाब में बाबा कहते हैं, "बिल्कुल गोली मारनी चाहिए. जो हमारे धर्म, बहू, बेटियां, गाय और ग्रंथों का अपमान करेगा, हमारे मंदिरों को तोड़ेगा, उसको तो मार ही देना चाहिए. छोड़ना नहीं चाहिए."
आगे वह कोर्ट और संविधान का सवाल पूछे जाने पर कहते हैं कि कोर्ट भी बिका हुआ है, पैसे वालों के हाथ में है.
धर्म संसद में शामिल हुए भाजपा नेता सूरजपाल अमू ने कहा, “देश हिंदू राष्ट्र था, है और रहेगा. जो ऐसा नहीं मानते हैं वो पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाएं."
यह वीडियो वायरल होने के बाद लोग सोशल मीडिया पर बाबा के खिलाफ दिल्ली पुलिस को टैग करके कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. हालांकि दिल्ली पुलिस ने बाबा पर कार्रवाई करने की बजाय उल्टा मॉलिटिक्स न्यूज़ को ही नोटिस जारी कर दिया है.
जारी नोटिस में दिल्ली पुलिस ने कहा, “यह देखा गया है कि आप सोशल मीडिया पर अप्रिय, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ पोस्ट करते हैं. नई दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध नोडल एजेंसी, जिला नई दिल्ली की ओर से भारतीय दंड संहिता की धारा 149 के तहत आपके खिलाफ नोटिस जारी करती है क्योंकि आपकी घृणास्पद, दुर्भावनापूर्ण और भड़काऊ पोस्ट से कानून व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.”
पुलिस ने आगे कहा कि, “यदि आप फिर ऐसा करते हैं तो आपके खिलाफ इस कानून के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.”
इस पूरे मामले पर हमने मॉलिटिक्स न्यूज़ के निदेशक और इस घटना को कवर करने वाले पत्रकार नीरज झा से बात की. वह कहते हैं, “हमें दिल्ली पुलिस ने संस्थान के नाम पर नोटिस जारी किया है. हमने जो खबर ट्वीट की थी उसी के कमेंट में हमें नोटिस दिया गया है. हमने कुछ गलत नहीं किया है.”
वह अपने कवरेज पर कहते हैं, “हम ऐसी रिपोर्टिंग नहीं करना चाहते हैं, लेकिन ऐसी रिपोर्टिंग तब नहीं होगी जब ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. घटनाएं होंगी तो रिपोर्टिंग भी होगी. हमने पुलिस को भी उनके नोटिस का जवाब दे दिया है. हमने कहा है कि दिल्ली पुलिस हमारा सहयोग करे और सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. ताकि फिर ऐसी रिपोर्टिंग न करनी पड़े.”
बता दें कि इस "धर्म संसद" का आयोजन बागेश्वर धाम बाबा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में किया गया था.
दरअसल 4 फरवरी को बागेश्वर धाम के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट किया गया. पोस्टर में लिखा था, “पहुंचो जंतर-मंतर, बागेश्वर धाम महाराज जी के समर्थन में.” इस आयोजन को एक सनातन "धर्म संसद" का रूप दिया गया. दिन रविवार, तारीख 5 फरवरी और समय सुबह 10 बजे. इस पोस्टर के बाद बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में दिल्ली के जंतर-मंतर पर काफी लोग इकट्ठा हुए.
हमने इस मामले में दिल्ली पुलिस से भी बात की. नोटिस जारी करने वाले इंस्पेक्टर विजय पाल सिंह कहते हैं, “हां नोटिस तो मैंने ही जारी किया है लेकिन मैं इस बारे में कुछ नहीं बताऊंगा. मुझे इस पर कुछ बोलने की परमिशन नहीं है.”
Also Read
-
Shops shut, at least 50 lose jobs, but cops silent on Indore BJP leader’s ultimatum on Muslim workers
-
Ayodhya, Ganvapi, and Chandrachud’s controversies
-
India vs Pak: Why cricket’s favourite love-hate story echoes history
-
‘Zero civic sense’ or racism? Unpacking global scrutiny of the Indian diaspora
-
Jimmy Kimmel to Kunal Kamra: Trump’s US follows a familiar playbook from Modi’s India