Khabar Baazi
एनडीटीवी बोर्ड में भी अडानी ग्रुप की एंट्री, संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण बने अतिरिक्त निदेशक
न्यू दिल्ली टेलीविजन लिमिटेड (एनडीटीवी) में आखिरकार अडानी ग्रुप की एंट्री हो गई है. 23 दिसंबर शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण को अतिरिक्त निदेशक नियुक्त किया गया है.
एक्सचेंज को भेजे गए पत्र में एनडीटीवी ग्रुप ने बताया कि अडानी ग्रुप की कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क के सीईओ और एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया और वरिष्ठ पत्रकार सेंथिल चेंगलवारायण को तत्काल प्रभाव से एडिशनल डायरेक्टर नियुक्त किया गया है.
इससे पहले एनडीटीवी के प्रमोटर ग्रुप आरआरपीआर (राधिका रॉय प्रणय रॉय) होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 30 नवंबर को बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की बैठक में सुदीप्ता भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण को आरआरपीआर के बोर्ड में निदेशक नियुक्त किया गया था.
इन तीनों की नियुक्ति के साथ ही डॉ. प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने आरआरपीआर के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के पद से इस्तीफा दे दिया था.
सेंथिल को इससे पहले अगस्त महीने में विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) में स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया था. वहीं सुदीप्ता भट्टाचार्य, अडानी ग्रुप के नार्थ अमेरिका क्षेत्र के सीईओ है.
29 नवंबर को आरआरपीआर ने अडानी ग्रुप के विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) को 99.9 प्रतिशत शेयर ट्रांसफर किए थे. जिसके बाद अडानी ग्रुप को एनडीटीवी में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी मिल गई थी.
गौरतलब है कि साल 2009 में राधिका और प्रणय रॉय ने आरआरपीआर की ओर से वीसीपीएल से 403.85 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त लोन लिया था. इसके तहत उन्होंने वीसीपीएल को अधिकार दिया था कि कंपनी चाहे तो आरआरपीआर के 99.99 प्रतिशत शेयरों का मालिकाना हक ले सकती है.
आरआरपीआर, रॉय दंपत्ति के नामों के पहले अक्षर (राधिका रॉय-प्रणव रॉय), 29.18 प्रतिशत शेयरों के साथ एनडीटीवी की सबसे बड़ी शेयरधारक है. इसमें राधिका रॉय के पास 16.32 फीसदी और प्रणय रॉय के पास 15.94 फीसदी शेयर हैं. रॉय दंपत्ति और आरआरपीआर मिलकर एनडीटीवी का प्रमोटर ग्रुप बनाते हैं. कुल मिलाकर इस प्रमोटर ग्रुप के पास कंपनी के 61.45 प्रतिशत शेयर थे.
Also Read: आपके मीडिया का मालिक कौन: एनडीटीवी की कहानी
Also Read
-
Who moved my Hiren bhai?
-
‘We have to live with air pollution’: Delhi’s athletes, parents and coaches feel they have no choice
-
I was at the India-Pakistan Oxford Union Debate and here’s what happened.
-
अखलाक हत्याकांड: यूपी सरकार न्याय के पक्ष में या अन्याय के
-
Dispatch from Dadri: The lynching that shook India, and govt U-turn stirring it again