Khabar Baazi
फेक न्यूज़ फैला रहे तीन यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने “न्यूज़ हैडलाइन, सरकारी अपडेट और आज तक लाइव” यूट्यूब चैनलों पर फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में प्रतिबंध लगाया है. इन चैनलों ने उच्चतम न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश, सरकारी योजनाओं, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और कृषि लोन माफी को लेकर गलत सूचनाएं फैलाई थीं.
चैनलों द्वारा फैलाई गई कुछ फर्जी खबरों में भविष्य के चुनावों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, केंद्र द्वारा आम जनता को बैंक खातों, आधार और पैन कार्ड के साथ पैसा देना आदि शामिल हैं. इन यूट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर हैं और इनके वीडियो 30 करोड़ से ज़्यादा बार देखे जा चुके हैं. पीआईबी के अनुसार इन यूट्यूब चैनलों को टीवी चैनलों के लोगो, और उनके समाचार एंकरों की छवियों के साथ नकली और सनसनीखेज थंबनेल का इस्तेमाल करते हुए देखा गया, जिससे दर्शकों को ख़बर के प्रमाणिक होने का विश्वास दिलाया जा सके.
यूट्यूब चैनलों को बंद या प्रतिबंधित करने का यह पहले मामला नहीं है. इसी साल अगस्त महीने में केंद्र सरकार ने कथित तौर पर देश विरोधी कंटेंट बनाने, विदेशी संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था को लेकर दुष्प्रचार फैलाने वाले 8 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया था. जिन यूट्यूब चैनलों को बैन किया गया था उनके नाम- लोकतंत्र टीवी, यू एंड वी टीवी, एएम रजवी, गौरवशाली पवन मिथिलांचल, सीटॉप 5 टीएच, सरकारी अपडेट, सब कुछ देखो हैं. इसके अलावा ‘न्यूज़ की दुनिया’ नामक पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल को भी बैन किया गया था.
Also Read: आपके मीडिया का मालिक कौन: एनडीटीवी की कहानी
Also Read
-
‘They find our faces disturbing’: Acid attack survivor’s 16-year quest for justice and a home
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy