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दिल्ली एलजी: 9 साल में दिल्ली सरकार के विज्ञापन खर्च में 3787 प्रतिशत की बढ़ोतरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और आम आदमी पार्टी में एक बार फिर तकरार बढ़ गई है. इस बार उपराज्यपाल ने आम आदमी पार्टी से 97,14,69,137 करोड़ रुपए 15 दिनों के अंदर वसूल करने का आदेश दिया है. आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने सरकारी विज्ञापनों के नाम पर पॉलिटिकल एड छपवाए हैं. 

यह आदेश उपराज्यपाल ने एक जांच रिपोर्ट के आधार पर दिया है. इसके साथ ही मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह इस मामले की रिपोर्ट चुनाव आयोग को पेश करें. 

एलजी वीके सक्सेना का यह आदेश 2015 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश, 2016 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश और 2016 के सीसीआरजीए के आदेश के मद्देनजर आया है, जिसका आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है.

आदेश में वित्त विभाग को एक महीने के अंदर दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय के साथ-साथ विज्ञापन एजेंसी शब्दार्थ का ‘स्पेशल ऑडिट’ करने को कहा है. आगे बताया गया है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने विज्ञापन पर खर्च को लगभग 3787 प्रतिशत बढ़ा दिया है. नौ सालों में विज्ञापन का खर्च 15 करोड़ से बढ़कर 568 करोड़ हो गया है.

बता दें कि दिल्ली सरकार विज्ञापनों पर खर्च को लेकर पहले भी चर्चा में रही है. न्यूज़लॉन्ड्री को आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने मार्च 2020 से 30 जुलाई 2021 तक सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने 490 करोड़ रुपए खर्च किए हैं.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने केजरीवाल सरकार की एक्साइज पॉलिसी की न केवल सीबीआई जांच, बल्कि बिजली सब्सिडी की भी जांच की सिफारिश की थी. वहीं, सिंगापुर जाने के अरविंद केजरीवाल के दौरे को भी मंजूरी नहीं दी थी.

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