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गुजरात में एग्जिट पोल सटीक नहीं, हिमाचल में एक्सिस माय इंडिया को छोड़कर सब गलत

गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों के परिणाम सबके सामने हैं. गुजरात में भाजपा लगातार 7वीं बार सरकार बना रही है, वहीं हिमाचल प्रदेश में जनता ने रिवाज जारी रखते हुए इस  बार सरकार बदल दी.

भाजपा ने गुजरात को अपना अभेद्य किला बना लिया है, जिससे पार पाना किसी भी पार्टी के लिए नामुमकिन लगता जा रहा है. आज के परिणामों ने 1985 में माधव सिंह सोलंकी के नेतृत्व में कांग्रेस के 149 सीटों पर जीत के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया.

हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज जारी रहा. यहां कांग्रेस ने फिर से सत्ता में वापसी की है. हालांकि एग्जिट पोल भाजपा की जीत की भविष्यवाणी कर रहे थे. सिर्फ आज तक का एक्सिस माय इंडिया का सर्वे ही था जिसने कांग्रेस के जीतने की भविष्यवाणी की थी.

एक्सिस माय इंडिया ने कांग्रेस को 44 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ 30 से 40 सीटें दी थीं. परिणामों में भी कांग्रेस को 40 सीटें मिलीं और पार्टी का वोट प्रतिशत 43.9 रहा.

इस सर्वे में भाजपा को एजेंसी ने 42 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ 24 से 34 सीटें दी थीं. परिणामों के मुताबिक भाजपा 43 प्रतिशत मतों के साथ 25 सीटें जीत रही है. एजेंसी ने आप को मात्र दो प्रतिशत वोट के साथ कोई सीट नहीं मिलने का अनुमान लगाया था, अंतिम परिणाम भी लगभग वही रहा. आप को 1.10 प्रतिशत वोट मिले और कोई सीट हासिल नहीं हुई. हालांकि अन्य श्रेणी को मिलने वाली सीटों के मामले में एक्सिस माय इंडिया का सर्वे चूक गया. एजेंसी ने अन्य को 12 प्रतिशत वोट के साथ 4-8 सीटें मिलने का अनुमान था, लेकिन परिणामों में 10.40 प्रतिशत मतों के साथ अन्य उम्मीदवारों को 3 सीटें मिलीं.

एक्सिस माय इंडिया की बात अलग से इसलिए की गई, क्योंकि इसी एजेंसी ने हिमाचल में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी, और उसने जो आंकड़े दिए थे परिणाम भी वैसे ही रहे.

लेकिन अन्य एग्जिट पोल्स भाजपा को पूर्ण बहुमत दे रहे थे जबकि परिणाम उसके उलट रहे. न सिर्फ सीटों का आंकड़ा गलत साबित हुआ, बल्कि वोट प्रतिशत का अनुमान भी गलत रहा.

एक्सिस माय इंडिया जहां ‘अन्य’ की सीटों को लेकर गलत साबित हुई, वहीं दूसरी एजेंसियों का अनुमान सही रहा. जैसे कि इंडिया टीवी-मैटराइज ने ‘अन्य’ को 0-3 सीट, टाइम्स नाउ-ईटीजी ने ‘अन्य’ को 1-3 सीट, रिपब्लिक टीवी- पी मार्क ने ‘अन्य’ को 1-4 सीटें दी थी. अंतिम परिणाम में ‘अन्य’ को 3 सीटें मिलीं.

सर्वे एजेंसी न्यूज 24 - चाणक्य का सर्वे सटीक तो नहीं बैठा, लेकिन उनका अनुमान सही रहा है. एजेंसी ने कांग्रेस और भाजपा, दोनों को 42 प्रतिशत वोट के साथ 33 सीटें दी थी. एजेंसी ने 7 सीटों के ऊपर-नीचे होने की बात कही थी. इसी तरह वोट में 3 प्रतिशत का अंतर बताया था. अंतिम परिणामों में कांग्रेस को 43.9 प्रतिशत वोट के साथ 40 सीट मिलीं, वहीं भाजपा को 43 प्रतिशत के साथ 25 सीटें मिलीं. अगर एजेंसी के अनुमान को देखें तो कांग्रेस को 40 (33+7) सीटें और भाजपा को 27 (33-7) सीटें मिलने का अनुमान था. अंतिम परिणामों में इस अनुमान से मात्र एक सीट का अंतर है.

सीएसडीएस के प्रोफेसर और चुनाव विश्लेषक संजय कुमार हिमाचल के चुनावों को लेकर कहते हैं, “यहां सिर्फ एक एजेंसी को छोड़कर बाकी गलत साबित हुए, क्योंकि यहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला था.”

वे आगे कहते हैं, “सीट के मामले में बहुत से सर्वे गलत हैं, लेकिन अगर आप वोट प्रतिशत के मामले में देखें तो वह कई एजेंसियों ने सही बताया है, या एक या दो प्रतिशत के आसपास रहे हैं.”

गुजरात

गुजरात में वैसे तो हर एजेंसी ने भाजपा की जीत की ही भविष्यवाणी की थी, लेकिन सटीक कोई साबित नहीं हुआ. किसी भी सर्वे एजेंसी यह अनुमान नहीं लगा पाई कि भाजपा एकतरफा जीत हासिल करेगी.

आज तक-एक्सिस माय इंडिया और न्यूज 24-चाणक्य सीटों के मामले में सटीक नहीं साबित हुए, लेकिन जीती सीटों की संख्या के आस-पास ही रहे. परिणामों में भाजपा ने 52.51 प्रतिशत वोट के साथ 156 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस को 27.2 प्रतिशत वोट के साथ 17 सीटें, आप को 12.9 प्रतिशत वोट के साथ 5 सीटें और अन्य के खाते में 4.3 प्रतिशत मतों के साथ 3 सीटें मिलीं.

अगर एक्सिस माय इंडिया के सर्वे को देखें तो एजेंसी ने भाजपा को 129-151, कांग्रेस को 16-30, आप को 9-21 और अन्य को 2-6 सीट मिलने का अनुमान जताया था. बात अगर वोट प्रतिशत की करें तो भाजपा को 46 प्रतिशत, कांग्रेस को 26 प्रतिशत, आप को 20 और अन्य को 8 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान था.

एजेंसी ने भाजपा के लिए जो सीट और वोट प्रतिशत दिया था, उसमें 6 सीटों और वोट प्रतिशत में भी करीब 6 प्रतिशत का अंतर रहा. एक्सिस माय इंडिया तीन प्रतिशत के ‘मार्जिन ऑफ एरर यानी गलती की गुंजाइश’ लेकर अपने अनुमान बताती है.

सर्वे एजेंसी के मालिक प्रदीप गुप्ता कहते हैं, “एग्जिट पोल के आंकड़े मुश्किल में इसलिए पड़ गए, क्योंकि दूसरे चरण के मतदान के दिन ही हमें आंकड़े जारी करने थे. उस दौरान मतदान चल ही रहा था. मैंने राजदीप (सरदेसाई) और राहुल (कंवल) से हमारे नंबर सही करने के लिए कहा. मैंने सुझाव दिया कि हम आप का वोट शेयर 20 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दें और बीजेपी का वोट शेयर 46 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी कर दें.”

चाणक्य की बात करें तो सर्वे एजेंसी ने भाजपा को 150 सीट, कांग्रेस को 19, आप को 11 और अन्य को 2 सीट दी थीं. एजेंसी ने सर्वे में भाजपा के लिए 11 सीटें ऊपर-नीचे हो सकने की बात कही थी.

अन्य चैनलों की बात करें तो एबीपी-सी वोटर के मुताबिक गुजरात में भाजपा को 128-140 सीट, कांग्रेस 31-43 सीट, आप 3-11 सीट और अन्य को 2-6 सीटें मिल रही थीं. न्यूज़ एक्स-जन की बात के मुताबिक, भाजपा को 117-140, कांग्रेस को 34-51, आप को 6-13 और अन्य को 1-2 सीटें मिलती दिख रही थीं.

रिपब्लिक टीवी-पी मार्क के मुताबिक भाजपा को 128-148, कांग्रेस को 30-42, आप को 2-10 और अन्य को 0-3 सीटें मिलने का अनुमान था. टाइम्स नाउ-इटीजी के मुताबिक भाजपा को 139, कांग्रेस को 30, आप को 11 और अन्य को 2 सीटें मिल रही थीं.

टीवी9 गुजराती के मुताबिक भाजपा को 125-130, कांग्रेस को 40-50, आप को 3-5 और अन्य को 3-7 सीट मिल रही थीं. ज़ी न्यूज़-बार्क के अनुसार भाजपा को 110-125 सीटें, कांग्रेस को 45-60 सीटें, आप को 1-5 और अन्य को 0-4 सीटें मिल रही थीं.

गुजरात में भाजपा के जीत को लेकर पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं, “भाजपा का जो वोटर है, वह मोदी को लेकर आश्वस्त है. वह कोई और प्रयोग नहीं करना चाहता है.”

वह आगे कहते हैं, “भाषा के आधार पर जो राज्य बने हैं, अगर वहां का कोई नेता राष्ट्रीय स्तर पर उभरता है तो उसे वहां बहुत लाभ होता है. जब किसी पार्टी को करीब 50 प्रतिशत वोट मिलने लगे तो यह वोटर्स के भावनात्मक जुड़ाव के कारण होता है.”

संजय कुमार गुजरात चुनावों में भाजपा के वोट प्रतिशत को लेकर कहते हैं कि यहां बीजेपी का वोट प्रतिशत अनुमान से ज्यादा है. वहीं सीटों के अनुमान को लेकर वे कहते हैं, “गुजरात के एग्जिट पोल्स को मैं गलत नहीं मानूंगा, क्योंकि उन्होंने ट्रेंड सही दिया था. बहुत गलत नहीं है.”

एग्जिट पोल के सटीक होने पर वह कहते है, “अगर हम उम्मीद करेंगे की एक्जिट पोल एकदम सटीक हों, तो यह हमारी उम्मीद गलत है. मेरे अनुसार एग्जिट पोल की सटीकता वोट प्रतिशत से मापना चाहिए, क्योंकि कई बार होता है कि वोट प्रतिशत कम आता है लेकिन सीट ज्यादा होती हैं.”

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