Report
उत्तर प्रदेश: बलात्कार के बाद गर्भवती हुई 13 वर्षीय लड़की, गर्भपात के लिए कर रही संघर्ष
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पास कौशांबी जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड के एक कोने में पड़ी 13 साल की लड़की बस छत को देखती रहती है. उसके पास ठंड से बचने के लिए न तो कंबल है और न ही तकिया, सिर्फ एक शॉल है.
बलात्कार पीड़िता यह लड़की छह महीने की गर्भवती है, और गर्भपात के लिए एक अंतहीन इंतजार कर रही है.
15 सितंबर को कौशांबी की जिला अदालत में चरवा पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के अनुसार, अगस्त में जब लड़की के परिवार को इस बात का पता चला तो उसे गर्भ ठहरे 18 सप्ताह से अधिक बीत चुके थे. लेकिन उसके पिता ने उसे कौशांबी अस्पताल में सितंबर के अंत में तब भर्ती कराया जब गर्भावस्था ने उसके स्वास्थ्य पर असर डालना शुरू किया. पिता ने डॉक्टरों से गर्भपात करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया. डॉक्टरों ने कहा कि लड़की 24 सप्ताह से अधिक की गर्भवती थी, इसलिए कानून के मुताबिक उन्हें गर्भपात करने के लिए अदालत की अनुमति की आवश्यकता होगी.
गर्भावस्था के 29वें सप्ताह में लड़की के पिता ने गर्भपात की अनुमति के लिए जिला अदालत का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने 15 अक्टूबर को कौशांबी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि वह डॉक्टरों की एक टीम बनाएं और "सुनिश्चित करें कि जितनी जल्दी हो सके कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई हो और इसके बारे में अदालत को सूचित करें".
सीएमओ ने 2 नवंबर को दिए जवाब में अदालत को बताया कि गर्भावस्था 31वें सप्ताह में है और जिला अस्पताल के पास इतनी देर से गर्भपात करने के साधन उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि लड़की को प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाए.
“अदालत का आदेश इस बारे में स्पष्ट नहीं है कि हमें गर्भपात करना है या नहीं. किसी भी स्थिति में हम गर्भपात नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास वैसी सुविधाएं नहीं हैं. पीड़िता की जान भी जा सकती है. वह 24 सप्ताह से अधिक की गर्भवती है. फिर भी अगर वे गर्भपात कराना चाहते हैं तो वे प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं, जहां बेहतर सुविधाएं हैं.” सीएमओ डॉ. सुष्पेन्द्र कुमार ने न्यूज़लॉन्ड्री से कहा.
कौशांबी जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक सेठ ने उनका समर्थन किया. “हमने अदालत को सूचित किया है कि हम गर्भपात नहीं कर सकते क्योंकि लड़की नाबालिग है और 24 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती है. यदि कोई समस्या होती है तो हम दो जानें गंवा सकते हैं. इस प्रक्रिया को बेहतर सुविधाओं और उपकरणों वाले अस्पताल में किया जाना चाहिए और हमने सुझाव दिया है कि इसे प्रयागराज के स्वरूप रानी अस्पताल में किया जाए."
उन्होंने कहा. ''लड़की की हालत बिल्कुल ठीक है. वह सही हाथों में है और जब तक सीएमओ के निर्देश के अनुसार उसकी डिलीवरी नहीं हो जाती, तब तक वह हमारे निरीक्षण में रहेगी.”
लेकिन पीड़िता के पिता संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कौशांबी अस्पताल के कर्मचारियों पर जानबूझकर गर्भपात में देरी करने का आरोप लगाया. “उन्होंने पहले मुझे गर्भपात के लिए अदालत का आदेश लाने के लिए कहा. आदेश आने के बाद उन्होंने कहा कि वे अभी भी गर्भपात नहीं कर सकते. वे हमें स्वरूप रानी अस्पताल भेजने की कोशिश कर रहे हैं. अगर प्रयागराज में भी गर्भपात करने से मना कर दिया तो क्या होगा? उसके बाद मैं कहां जाऊंगा? उन्हें हम जैसे लोगों से कोई हमदर्दी नहीं है."
उन्होंने कहा, “मैं एक गरीब आदमी हूं जिसे परिवार का भरण-पोषण करना है. मेरे पास पैसा नहीं हैं. मैं हर दिन अस्पताल से कोर्ट जा रहा हूं. अगर मैं अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए इधर-उधर भागता रहा तो परिवार का ख्याल कैसे रखूंगा. हम नहीं चाहते वह इस बच्चे को जन्म दे. अगर वह जन्म देती है तो उससे कौन शादी करेगा? वह सिर्फ 13 साल की है."
कौशांबी के वकील गोविंद प्रताप सिंह पीड़िता का केस निशुल्क लड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने अदालत के स्पष्ट आदेश के बावजूद गर्भपात करने से इनकार कर दिया. जब उनसे पूछा गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार अदालत का आदेश स्पष्ट नहीं है, तो उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों पर "शब्दों में हेर-फेर" करने का आरोप लगाया.
कौशांबी के कमलपुर इलाके में रहने वाली इस लड़की के साथ 20 वर्षीय शिव मूरत पासी नामक एक ग्रामीण ने कथित तौर पर बलात्कार किया था. "शिव मूरत ने मेरी बेटी के साथ अपने घर में बार-बार बलात्कार किया. उसने मेरी बेटी को धमकाया भी था कि अगर उसने किसी को यह बात बताई तो वह मुझे मार डालेगा,” पिता ने पुलिस से कहा. "जब मैंने उसका सामना किया तो शिव मूरत ने मुझे गलियां दीं, मेरा पीछा किया और मुझे मारने की कोशिश की."
लड़की के परिवार को उसके बलात्कार के बारे में अगस्त में पता चला जब उन्होंने पेट दर्द की शिकायत के बाद उसका अल्ट्रासाउंड कराया, और पाया कि वह 18 सप्ताह से अधिक समय से गर्भवती है. परिवार ने चरवा पुलिस से शिकायत की, जिन्होंने प्राथमिकी दर्ज की और 10 अगस्त को पासी को गिरफ्तार कर लिया. अब उस पर बलात्कार के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा रहा है.
Also Read: एक दुनिया नाबालिग बलात्कार पीड़िताओं की
Also Read: बलात्कार के बाद जन्मी बच्ची की कीमत 15 हजार?
Also Read
-
LIVE: Decoding Maharashtra and Jharkhand assembly polls results
-
Adani met YS Jagan in 2021, promised bribe of $200 million, says SEC
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
What’s Your Ism? Kalpana Sharma on feminism, Dharavi, Himmat magazine
-
महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजों का विश्लेषण: LIVE