Gujarat and Himachal Elections
अल्पेश कथीरिया: ‘‘गुजरात के लोगों ने जिन्हें 27 साल दिए, उन्होंने इसे बनाया नहीं बल्कि बिगाड़ दिया’’
साल 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन में हार्दिक पटेल के अलावा सबसे ज्यादा सक्रिय अल्पेश कथीरिया थे. ऐसा माना जाता है कि हार्दिक तो बस चेहरा थे, पर्दे के पीछे से सब कुछ कथीरिया ही देख रहे थे. जहां हार्दिक कांग्रेस से राजनीतिक सफर शुरू करने के बाद आज भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अल्पेश आम आदमी पार्टी से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
‘आप’ ने कथीरिया को सूरत के वराछा रोड विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है. यह विधानसभा सीट 2012 के परिसीमन में बनी थी. उसके बाद से भाजपा के किशोर भाई कनानी ही इस सीट पर लगातार जीत आ रहे हैं. रूपाणी सरकार में मंत्री रहे कनानी को भाजपा ने एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है.
पाटीदार वोटर बाहुल्य की इस सीट पर भाजपा, कांग्रेस और आप, तीनों दलों ने पाटीदार समाज से ताल्लुक रखने वाले उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं.
‘आप’ प्रमुख अरविंद केजीरवाल यहां रोड शो करने आए थे. उन्होंने कहा, “सूरत वालों, इज्जत का सवाल है. आप को जिताने में पूरी ताकत लगा देना.”
आम आदमी पार्टी ने सूरत से काफी उम्मीदें लगाई हुई हैं. पार्टी के बड़े नेता यहां डेरा जमाए हुए हैं. इसका असर भी देखने को मिल रहा है. यहां लड़ाई आप और भाजपा के बीच ही नजर आ रही है. जिन सीटों पर पार्टी को जीत की ज़्यादा संभावना है, उनमें से वराछा रोड भी एक है.
गुजरात में ‘आप’ परिवर्तन के पांच साल मांग रही है. वहीं भाजपा ‘गुजरात मॉडल’ का जिक्र करती है, उसी के सहारे में पार्टी देश की सत्ता पर काबिज हुई. हमने कथीरिया से पुछा कि आखिर लोग ‘गुजरात मॉडल’ को छोड़ ‘दिल्ली मॉडल’ को क्यों अपनाएंगे? जवाब में कथीरिया कहते हैं, “गुजरात मॉडल सिर्फ बनाया हुआ मॉडल है. गुजरात के लोग कह रहे हैं कि 27 साल जिसे हमने दिए, उसने इसे बनाया नहीं बिगाड़ दिया है. यह है गुजरात मॉडल. यहां का सिस्टम सड़ चुका है. युवा रोजगार के लिए परेशान हैं. घर के कोने में जाकर रोता है, पढ़ाई के लिए डोनेशन देने को मजबूर है. हमें पांच साल देने के लिए जनता मन बना चुकी है. यहां जो भाजपा के उम्मीदवार हैं, वे पूर्व मंत्री हैं. अब पूर्व विधायक होंगे और पूर्व ही रहेंगे.”
हमने कथिरिया से भाजपा के हिंदुत्व और आप के हिंदुत्व में अंतर, बिलकिस बानो के मामले पर चुप्पी और कांग्रेस-भाजपा में से किससे लड़ाई समेत अन्य कई मुद्दों पर बात की.
देखिए पूरी बातचीत-
Also Read
-
‘They find our faces disturbing’: Acid attack survivor’s 16-year quest for justice and a home
-
From J&K statehood to BHU polls: 699 Parliamentary assurances the government never delivered
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy