Khabar Baazi
'हमारी सरकार को निशाना बनाने के लिए दुष्प्रचार': अनुराग ठाकुर ने वायर की मेटा रिपोर्ट्स पर किया कटाक्ष
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मेटा और भारतीय जनता पार्टी के आईटी प्रमुख अमित मालवीय पर समाचार वेबसाइट द वायर के द्वारा वापस ली गई खबरों पर अपनी नाराजगी जाहिर की है.
अनुराग ठाकुर ने कहा, "यह बहुत खेद की बात है कि एक प्रमुख डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म हाल ही में हमारी सरकार को निशाना बनाने के लिए द्वेष भरा दुष्प्रचार करते हुए पाया गया."
बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के उपलक्ष्य में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर ने वायर का नाम लिए बिना वेबसाइट पर निशाना साधा.
पिछले महीने द वायर ने, अमित मालवीय पर मेटा के एक्स-चेक विशेषाधिकारों के तहत अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को मिली कथित शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.
पीसीआई के कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर ने द वायर द्वारा छापी गई खबरों को राष्ट्रीय गौरव से जोड़ते हुए कहा, "अफसोस इस बात का है कि उन्होंने भारत की छवि और देश की प्रतिष्ठा की परवाह किए बिना ऐसा किया."
मेटा ने द वायर द्वारा प्रकाशित खबरों को मनगढ़ंत बताया था, जिसके बाद वायर ने आंतरिक समीक्षा करने के बाद अपनी रिपोर्ट्स को सार्वजनिक पोर्टल से हटा लिया और अपने पाठकों से माफी भी मांगी थी. साथ ही मालवीय ने मानहानि और आपराधिक साजिश का आरोप लगाते हुए द वायर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में मीडिया का डिजिटल विस्तार, एक "सजग करने वाला" है. उन्होंने आगे कहा कि "मीडिया की प्रशासकीय संरचना स्व-नियामक है, लेकिन ये गलती या जानबूझकर गलती करने का लाइसेंस नहीं है."
उन्होंने कहा कि "फर्जी ख़बरें" और "बिकी हुई खबरें" मीडिया के लिए चिंताएं हैं और नरेंद्र मोदी सरकार प्रेस सूचना ब्यूरो की स्वघोषित तथ्यों की जांच करने वाली इकाई पीआईबी फैक्ट चेक के माध्यम से उन्हें उजागर करने में अपना योगदान कर रही है.
Also Read
-
‘Overcrowded, underfed’: Manipur planned to shut relief camps in Dec, but many still ‘trapped’
-
Since Modi can’t stop talking about Nehru, here’s Nehru talking back
-
Indigo: Why India is held hostage by one airline
-
2 UP towns, 1 script: A ‘land jihad’ conspiracy theory to target Muslims buying homes?
-
‘River will suffer’: Inside Keonjhar’s farm resistance against ESSAR’s iron ore project