Media
टीवी न्यूज़ चैनल लोगों की पहली पसंद लेकिन भरोसा अखबार पर ज़्यादा: सर्वे
स्मार्टफोन और इंटरनेट के इस दौर में जब सोशल मीडिया पर करोड़ों लोग खबरें देख, सुन और पढ़ रहे हैं, बावजूद इसके डिजिटल मीडिया अभी खबरों के लिए लोगों की पहली पसंद नहीं बन सका है.अभी भी लोग डिजिटल मीडिया पर टीवी और उसके बाद अखबारों को प्राथमिकता देते हैं.
सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (सीएसडीएस) के सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत में टीवी खबरों का पहला स्रोत है वहीं विश्वसनीयता के मामले में लोग आज भी अखबारों पर ज़्यादा भरोसा करते हैं.
सीएसडीएस ने अपने कार्यक्रम लोकनीति के लिए केएस संस्था के साथ मिलकर यह अध्ययन किया है. सर्वे 19 राज्यों में किया गया जिसमें 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वाले 7463 लोग शामिल हुए. इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों पृष्ठभूमि के लोगों समेत महिलाएं और पुरुष, अमीर और गरीब, शिक्षित और अशिक्षित सभी तरह के लोगों को शामिल किया गया.
अध्ययन के अनुसार खबरों के स्रोत के रूप में ऑनलाइन वेबसाइट्स सबसे काम भरोसेमंद हैं. हालांकि टीवी पर भरोसा करने वालों का आंकड़ा भी डिजिटल के ही क़रीब है. इस क्रम में खबर की विश्वसनीयता परखने के लिए लोग अखबारों पर सबसे ज़्यादा भरोसा करते हैं. सर्वे में 31% लोगों ने माना कि उन्हें अखबारों पर पूरा भरोसा है और 60% ने अखबारों पर पूरा या उससे कम भरोसा जताया है. वहीं 13% से भी कम लोगों ने टीवी और 11% ने डिजिटल पर पूरा भरोसा करने की बात कही.
अध्ययन से यह भी पता चलता है कि 70% उपभोक्ता न्यूज़ चैनल देखते हैं, 48% अखबार पढ़ते हैं जबकि केवल 37% ही खबरों के लिए वेबसाइट का रुख करते हैं. वहीं अगर प्रभावी न्यूज़ सोर्स की बात करें तो यहां भी टीवी का प्रभुत्व है. 40% लोगों का कहना है कि वे खबरें जानने के लिए टेलीविजन देखते हैं, 22% लोगों ने कहा कि वे खबरों के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं वहीं केवल 6% लोग ही अखबार पढ़ते हैं.
भारतीय घरों में टेलीविजन सेट और अखबार की बात करें तो प्रति चार में से तीन घरों में टीवी सेट मौजूद है जबकि चार में से केवल एक घरों में ही अखबार रोज़ाना या अकसर मंगाया जाता है. 13% घरों में निश्चित अंतराल पर एक पत्रिका आती है. यहां रोचक बात यह है कि भारत में अब की-पैड फोन रखने वाले घर नगण्य हैं जबकि चार में से तीन घरों में स्मार्टफोन रखने वाले लोग हैं.
व्यक्तिगत तौर पर देखा जाए तो सर्वे के अनुसार 26% लोग साधारण मोबाइल फोन और 43% लोग स्मार्टफोन अपने पास रखते हैं. आज से दो साल पहले स्थिति बिल्कुल अलग थी. 2019 में एक राष्ट्रीय सर्वे में लोकनीति ने पाया था कि 40% लोगों के पास साधारण फोन और 33% लोगों के पास स्मार्टफोन है. दो सालों में स्मार्टफोन रखने वालों का आंकड़ा 10 प्रतिशत तक बढ़ा है.
मजेदार बात यह है कि 50 फीसदी लोग जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं, उन्होंने माना कि वे बहुत ज़्यादा या मध्यम स्तर पर व्हाट्सअप, ट्विटर और यूट्यूब पर भरोसा करते हैं जबकि आधे से भी कम लोगों ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के बारे में यह बात कही. वहीं 50% लोगों ने इंटरनेट और सोशल मीडिया पर खबरों के गुमराह करने और फेक होने के बारे में चिंता भी जाहिर की.
यह अध्ययन दिल्ली, बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, बंगाल, ओडिशा और पंजाब में हुआ.
Also Read
-
WhatsApp university blames foreign investors for the rupee’s slide – like blaming fever on a thermometer
-
Let Me Explain: How the Sangh mobilised Thiruparankundram unrest
-
TV Newsance 325 | Indigo delays, primetime 'dissent' and Vande Mataram marathon
-
The 2019 rule change that accelerated Indian aviation’s growth journey, helped fuel IndiGo’s supremacy
-
You can rebook an Indigo flight. You can’t rebook your lungs