NL Tippani
गुलामी की निशानी और राजकीय शोक साथ-साथ, तू-तड़ाक
बीते हफ्ते दो घटनाएं घटीं. बल्कि ये कहिए कि एक घटना घटी, दूसरे को घटाया गया. जिस घटना को घटाया गया उसे पहले सुन लीजिए. प्रधानमंत्रीजी ने सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन किया. सेंट्रल विस्टा के बीचो-बीच से जाती सड़क का नाम राजपथ से बदल कर कर्तव्य पथ कर दिया. इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण किया. जनता ने तालिया बजाई. इसके बाद प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर खड़े होकर अंग्रेजों की निशानी खत्म करने, गुलामी के चिन्हों से मुक्त होने, उपनिवेशवाद की परछाइयां खत्म करने का दावा किया.
दूसरी घटना जो घटी उसे भी जान लीजिए. हुकूमते बरतानिया की महारानी एलिजाबेथ चल बसीं. उन्होंने 96 साल की पकी हुई उम्र पायी. दर्जनों नाती पोतों से आबाद हुईं. अपने राजकाल में 15 प्रधानमंत्रियों को शपथ दिलवाई. एक बड़े वक्त में दुनिया में हुए बहुत सारे ऐतिहासिक बदलावों की चश्मदीद बनीं.
अब आप सोच रहे होंगे कि मैं इन दोनों बातों को एक साथ लपेट कर क्यों बता रहा हूं. दरअसल ब्रिटेन की महारानी गुजरी तो प्रधानमंत्री मोदीजी की सरकार ने दिवंगत महारानी के सम्मान में सजदा करते हुए पूरे देश में एक दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया. इस उलटबांसी पर आप चाहें तो ताली बजा सकते हैं.
इसके अलावा इस हफ्ते की टिप्पणी में एक हरसे के बाद फिर से दिए तू-तड़ाक.
Also Read
-
TV Newsance 319: Bihar dramebaazi and Yamuna PR wash
-
Argument over seats to hate campaign: The story behind the Mumbai Press Club row
-
Delhi AQI ‘fraud’: Water sprinklers cleaning the data, not the air?
-
How a $20 million yacht for Tina Ambani became a case study in ‘corporate sleight’
-
‘Complete waste of money’: IMD’s former Director General on Delhi’s cloud seeding plans