Khabar Baazi
पत्रकार की गिरफ्तारी: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को लगाई फटकार
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार द्वारा कथित भ्रष्टाचार से संबंधित रिपोर्ट करने के मामले में झारखंड सरकार को फटकार लगाई. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्रकार की गिरफ्तारी पर कहा कि किसी भी पत्रकार के साथ इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट द्वारा न्यूज़ 11 भारत के रिपोर्टर अरूप चटर्जी को दी गई अंतरिम जमानत के फैसले में हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि पत्रकार को बिना प्रक्रिया का पालन किए गिरफ्तार किया गया. जस्टिस संजय सुमार द्विवेदी ने झारखंड सरकार को गिरफ्तारी पूरी प्रक्रिया और अधिकारियों की कार्रवाई को समझाते हुए हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है.
बता दे कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसपर न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अधिकारियों द्वारा मीडिया पत्रकार की गिरफ्तारी में कानून की अवहेलना करने पर कहा कि देखिए राज्य सरकार किस तरह पत्रकार को परेशान कर रही है, यह अधिकारों की अति है.
पत्रकार की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने कहा कि रात 12 बजे किसी पत्रकार के घर में घुसकर, बिना सूचना दिए या कारण बताए इस तरह गिरफ्तार करना गलत है. साथ ही किसी भी पत्रकार के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं किया जा सकता.
बता दें की मामले में पत्रकार की पत्नी ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पति की गिरफ्तारी कानूनी प्रक्रिया के विरुद्ध हुई है. उन्हें 16-17 जुलाई 2022 को रांची में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. उनका आरोप है कि परिवार को पत्रकार से मिलने नहीं दिया गया. पुलिस द्वारा धारा 41-A के तहत किसी तरह का कोई नोटिस भी नहीं दिया गया.
पत्रकार की पत्नी का कहना है कि उनके पति ने भ्रष्टाचार के खिलाफ रिपोर्ट की थी इसलिए उन्हें गलत इल्जाम के तहत परेशान किया जा रहा है.
Also Read
-
Delhi AQI ‘fraud’: Water sprinklers cleaning the data, not the air?
-
Nominations cancelled, candidate ‘missing’: Cracks in Jan Suraaj strategy or BJP ‘pressure’?
-
The fight to keep Indian sports journalism alive
-
Haryana’s bulldozer bias: Years after SC Aravalli order, not a single govt building razed
-
दिल्ली में एक्यूआई फर्जीवाड़ा? मॉनिटरिंग स्टेशन के पास पानी के छिड़काव से प्रदूषण घटा या आंकड़े