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“जब घर ही नहीं बचा, तो तिरंगा कहां लगाएं?”
8 अगस्त को दिल्ली के सराय काले खां के पास दिल्ली विकास प्राधिकरण ने करीब 70 झुग्गियों पर बुलडोजर चला दिया. 70 परिवार बेघर हो गए. झुग्गियों में रहने वालों ने हमें बताया कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाने से केवल 1 दिन पहले नोटिस दिया, और अगले ही दिन सुबह-सुबह उनके मकानों को ध्वस्त कर दिया.
यहां एक झुग्गी की निवासी रंजीत कुमार का कहना है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण ने, उनको अपने घर में से जरूरत का सामान निकालने का भी मौका नहीं दिया. वहीं सतीश पूछते हैं कि हमारे घर तोड़ दिए गए तो हम तिरंगा कहां लगाएं? इन झुग्गियों में रहने वाले ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर हैं.
10 अगस्त को इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों ने दिल्ली विकास प्राधिकरण मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान उन्होंने उचित रूप से पुनर्वास दिए जाने की मांग की.
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यह कार्रवाई बांसेरा प्रोजेक्ट को ध्यान में रखकर की है. बांसेरा प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली में यमुना के आसपास के क्षेत्रों में बांस लगाए जाने हैं, जिससे दिल्ली वासियों को एक मनोरंजक पार्क के साथ-साथ शुद्ध हवा भी मिल सके. 9 अगस्त को इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने किया.
न्यूज़लॉन्ड्री ने इन मजदूरों से उनकी व्यथा जानने के लिए बात की. देखिये हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.
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