Khabar Baazi
ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज़ चलाने के आरोपी ज़ी न्यूज़ के एंकर रोहित रंजन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने रोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. इसके बाद अब किसी भी राज्य की पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक अब छत्तीसगढ़ पुलिस भी मामले में आ रही दिक्कतों को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटा सकती है.
गौरतलब है कि रायपुर के सिविल लाइन थाने में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने एंकर रोहित रंजन समेत ज़ी मीडिया ग्रुप के अधिकारियों पर गंभीर धाराओं में तीन जुलाई को केस दर्ज कराया था. इस मामले में रायपुर की कोर्ट ने रोहित रंजन की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. इसके बाद से ही रायपुर पुलिस पिछले तीन दिनों से रोहित की गिरफ्तारी के लिए गाजियाबाद-नोएडा में डेरा डाले हुए है. रायपुर के नगर पुलिस अधीक्षक उदयन बेहर ने इसकी पुष्टि की है.
उन्होंने बताया, “हमने कुछ नोट्स तैयार किए हैं. इसमें वो सारा वृतांत लिखा है जो गाजियाबाद नोएडा में हमारे साथ हुआ. गाजियाबाद और नोएडा पुलिस का इस केस में सहयोग नहीं करने का भी जिक्र है. हमें सूचना मिली कि हमारे वारंटी रोहित रंजन सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं. इसलिए हमने भी फैसला लिया है कि हम भी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और पूरे मामले पर अपनी बात रखेंगे.”
बता दें कि हाल ही में एंकर रोहित रंजन ने ज़ी न्यूज़ के प्राइम टाइम शो डीएनए में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर दिखाया था. इसके बाद 4 जुलाई को नाटकीय ढंग से नोएडा पुलिस ने रोहित रंजन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन बाद में जमानती धाराओं का हवाला देकर उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया था.
रंजन के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने तत्काल सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष मामले को रखा था. लूथरा ने कहा कि एंकर ने एक शो के दौरान गलती की लेकिन उन्होंने इसके लिए बाद में माफी भी मांगी. हालांकि शो को लेकर उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं.
दो जुलाई को एक ट्वीट करते हुए रोहित ने शो के दौरान राहुल गांधी के बयान को गलत ढंग से दिखाने के लिए माफी भी मांगी थी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “कल हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़ कर गलत संदर्भ में चल गया था. ये एक मानवीय भूल थी जिसके लिए हमारी टीम क्षमाप्रार्थी हैं, हम इसके लिए खेद जताते हैं.”
Also Read
-
August 15: The day we perform freedom and pack it away
-
Independence Day is a reminder to ask the questions EC isn’t answering
-
Supreme Court’s stray dog ruling: Extremely grim, against rules, barely rational
-
Mathura CCTV footage blows holes in UP’s ‘Operation Langda’
-
The Swagger’s Gone: What the last two decades taught me about India’s fading growth dream