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मोहम्मद ज़ुबैर: हिंदी अखबारों की उलटबांसी
ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर और फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर को सोमवार शाम दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को धार्मिक भावनाएं भड़काने को लेकर किए गए ट्वीट के चलते गिरफ्तार किया है. इस खबर को आज के अखबारों ने अपने-अपने तरीके से प्रकाशित किया है. हैरानी की बात है कि अभी मामला लंबित होते हुए भी मीडिया के एक तबके ने उन्हें दोषी करार दे दिया है. दैनिक जागरण अखबार ने तो यह तक कहा कि जुबैर देश की छवि खराब करने में जुटे थे. जानिए क्या कहते हैं आज के हिंदी अखबार.
दैनिक जागरण
दैनिक जागरण अखबार ने इस खबर को तीसरे पेज पर जगह दी, वहीं इससे संबंधित बाकी खबर को पेज नंबर 10 पर प्रकाशित किया गया है. खबर का शीर्षक है- “देश की छवि खराब करने में जुटे ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक जुबैर गिरफ्तार.” अनाम जागरण संवाददाता के हवाले से प्रकाशित इस खबर में लिखा है, “इंटरनेट मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट कर समाज में घृणा फैलाने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने व देश की छवि खराब करने में जुटे ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया.” खबर में आगे कहा गया कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के बाद, देशभर में हुए विरोध प्रदर्शनों और कुछ जगहों पर भड़की हिंसा को हवा देने के लिए भी मोहम्मद जुबैर को जिम्मेदार माना जाता है.
जागरण ने पेज नंबर 10 पर छपी इस खबर में जुबैर को एक जिहादी बताया. खबर का शीर्षक है, “भाजपा ने जुबैर को बताया जिहादी. राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया.” खबर में लिखा है, “धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को भाजपा नेताओं ने जिहादी बताया है. भाजपा नेताओं ने सरकार की आलोचना करने वाले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जुबैर हिंसा को बढ़ावा दे रहा था.”
अमर उजाला
अमर उजाला ने इस खबर को पहले पेज पर एक कॉलम में प्रकाशित किया. खबर का शीर्षक है, “ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर गिरफ्तार.” एजेंसी के हवाले से लिखी अखबार लिखता है, “पत्रकार और ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर को सोमवार को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.”
इसके बाद साइबर अपराध विभाग के उपायुक्त केपीएस मल्होत्रा का बयान छापा गया है. मल्होत्रा कहते हैं, “जुबैर के खिलाफ जानबूझकर धार्मिक भावनाएं भड़काने से जुड़ी धाराओं में केस दर्ज किया गया है. जुबैर जांच में शामिल हुए थे और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.”
हिंदुस्तान
हिंदुस्तान अखबार ने इस खबर को चौथे पैन पर जगह दी है. खबर का शीर्षक है, “ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मो. जुबैर गिरफ्तार.” इस खबर में अखबार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी, भाजपा महासचिव सीटी रवि और भाजपा सचिव वाई सत्य कुमार के ट्वीट को भी छापा है. इन सभी नेताओं ने जुबैर की गिरफ्तारी के बाद ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी है.
खबर में लिखा गया है, “मोहम्मद जुबैर पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. उन पर आईपीसी की धारा 153 (ऐसे कृत्य जिससे माहौल बिगाड़ने और उपद्रव होने की आशंका हो) और धारा 295 (किसी समाज द्वारा पवित्र मानी जाने वाली वस्तु का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. मामले में पूछताछ के लिए जुबैर को बुलाया गया था जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई.”
हिंदुस्तान अखबार ने भी अन्य अखबारों की तरह ही पुलिस का बयान प्रकाशित किया है.
दैनिक भास्कर
दैनिक भास्कर अखबार ने इस खबर को दिल्ली मुखपृष्ठ पर प्रकाशित किया है. भास्कर ने भी हिंदुस्तान की तरह ही शीर्षक दिया है, “ऑल्ट न्यूज़ के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर गिरफ्तार.” नीचे सब-हेड में लिखा गया है, “धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप.”
खबर कहती है, “दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने जुबैर के खिलाफ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.* पुलिस के मुताबिक, उसे जुबैर के खिलाफ 27 जून को ट्विटर के जरिए एक शिकायत मिली थी जिसमें जुबैर के एक ट्वीट का जिक्र किया गया था. पुलिस ने इस संबंध में आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत केस दर्ज कर आज (सोमवार) पूछताछ के लिए बुलाया था.”
खबर में आगे लिखा है कि जुबैर पर कथित फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है. नुपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद देशभर में प्रदर्शन शुरू हुए थे, साथ ही कई जगहों पर हिंसा भड़क गई थी. कथित तौर पर इन प्रदर्शनों को भी ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक जुबैर द्वारा ही हवा दी गई थी.
*अखबारों की प्रकाशित व्याकरण की गलतियां में सुधार नहीं किया गया है.
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