Report
4 महीना पहले यूपी के जो नौजवान सेना में जाने को आतुर थे, वो ‘अग्निपथ’ को लेकर आगबबूला क्यों हैं?
चार महीना बाद हम एक बार फिर से उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पहुंचे थे. चार महीने पहले चुनाव का माहौल था. सेना में जाने को उत्सुक युवा हमें सड़कों के किनारे तैयारी करते मिले थे. उनकी रिपोर्ट न्यूज़लॉन्ड्री पर सबसे चर्चित रिपोर्ट थी. अब जब हम फिर से उन्हीं युवाओं के बीच में थे तब सेना की नई भर्ती योजना "अग्निपथ" को लेकर नाराजगी और निराशा की भावना थी. वह पूरी रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं-
विधानसभा चुनाव के दौरान देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जब भी किसी रैली में जाते, वहां सेना की तैयारी करने वाले कुछ नौजवान मौजूद रहते थे. वे भाषण के बीच में खड़े होकर भर्ती लाने की मांग करने लगते थे. कई बार विरोध इतना उग्र होता था कि रक्षा मंत्री को खुद आश्वासन देना पड़ता था.
यूपी चुनाव के दौरान ही हाथरस जिले में न्यूज़लॉन्ड्री की मुलाकात कुछ नौजवानों से हुई थी. सेना में जाने की तैयारी करने वाले ये नौजवान सड़क किनारे दौड़ रहे थे, वहीं वर्जिश कर रहे थे. यह एक व्यस्त रहने वाला रास्ता है. हर वक़्त तेज रफ्तार गाड़ियां आती जाती रहती हैं. ऐसे में इस सड़क पर दौड़ना असुरक्षित भी है, लेकिन आसपास कोई इंतजाम न होने के कारण छात्रों को सड़क पर ही दौड़ना पड़ता है.
मथुरा और हाथरस के इस सीमावर्ती इलाके में काफी संख्या में लोग सेना में हैं. यहां के नौजवानों में सेना में जाने का बड़ा जोश है. हालांकि भर्ती नहीं आने से नाराज इन नौजवानों ने तब न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए कहा था, ‘‘हम सालों से तैयारी कर रहे हैं लेकिन एक भी भर्ती में शामिल नहीं हो पाए. हमारे कई साथी जो ‘ओवर ऐज’ हो गए, आत्महत्या कर रहे हैं. सरकार हमें हिंदू-मुस्लिम के नाम पर बांट रही है. लेकिन हिंदू-मुस्लिम से हमारा घर नहीं चलता. जिनका घर चलता है वह जानें. हम अपने यहां से भाजपा को हराएंगे.’’
ये गांव हाथरस जिले के सादाबाद क्षेत्र में आते हैं. बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे और कई मर्तबा विधायक रहे दिग्गज नेता रामवीर उपाध्याय, चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा.
अब यूपी चुनाव के करीब चार महीने बाद, केंद्र सरकार सेना के तीनों अंगों में जवानों की भर्तियों के लिए ‘अग्निपथ’ नाम की नई योजना लेकर आई है. अब भर्ती पुरानी प्रक्रिया की जगह इस योजना के अंतर्गत होगी. हम दोबारा हाथरस और मथुरा के उन गांवों में पहुंचे और उन्हीं नौजवानों से बात कर पूछा कि क्या वे ‘अग्निपथ’ में शामिल होकर ‘अग्निवीर’ बनना चाहते हैं? ज्यादातर नौजवानों का स्पष्ट जवाब था ‘नहीं’.
जानिए कि जिन नौजवानों के लिए सेना में जाना ही एकमात्र मकसद था, वे क्यों सरकार की अग्निपथ योजना को गलत बता रहे हैं? अग्निपथ योजना को झुनझुना बता रहे हैं. इसे वापस लेने की मांग क्यों कर रहे हैं? सरकार से उनकी क्या मांगें है? इस सबके बीच कुछ लोग इस योजना को बेहतर भी बता रहे हैं.
इस योजना को लेकर अलग-अलग नज़रियों को जानने के लिए यह पूरा वीडियो देखिए.
Also Read
-
Adani met YS Jagan in 2021, promised bribe of $200 million, says SEC
-
Pixel 9 Pro XL Review: If it ain’t broke, why fix it?
-
What’s Your Ism? Kalpana Sharma on feminism, Dharavi, Himmat magazine
-
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने वापस लिया पत्रकार प्रोत्साहन योजना
-
The Indian solar deals embroiled in US indictment against Adani group