Assembly Elections 2022
यूपी चुनाव: 'बुंदेलखंड कमाऊ पूत लेकिन यहां के लोग बदहाल'
न्यूज़लॉन्ड्री की चुनावी यात्रा उत्तर प्रदेश के महोबा में है. यहां पर हमारी मुलाकात बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे समाजसेवी तारा पाटकर से हुई. तारा पाटकर के नाम बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 635 दिन तक अनशन करने का रिकॉर्ड दर्ज है. यही नहीं वह बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर 25 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खून से पत्र भी लिख चुके हैं.
बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर तारा पाटकर कहते हैं, "हमारे सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल आठ बार लोकसभा में बुंदेलखंड राज्य के मसले को उजागर कर चुके हैं. इसके अलावा उत्तरप्रदेश में बुंदेलखंड के 19 विधायक विधानसभा में बुंदेलखंड राज्य का मामला उठा चुके हैं. जिसके बाद उत्तरप्रदेश सरकार पर दवाब बना और उन्होंने बुंदेलखंड विकास बोर्ड का गठन किया. इस बोर्ड में हमारे आंदोलन का चेहरा रहे राजा बुंदेला को उपाध्यक्ष बनाया गया लेकिन यह बोर्ड भी प्रदेश के तमाम बोर्ड की तरह बनकर रह गया. बोर्ड के पास ऐसी कोई शक्ति नहीं है जिसके दम पर वो खुद कोई फैसला ले सके."
तारा पाटकर आगे कहते हैं, "हम हर महीने प्रधानमंत्री को खत लिखते हैं. कोरोना महामारी के कारण हमने अपने अनशन को स्थगित किया था लेकिन अब विधानसभा चुनावों के बाद हम अपना अनशन दोबारा शुरू करेंगे.”
प्रधानमंत्री को लिखे पत्रों पर पाटकर कहते हैं, "वो कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन 19 नवंबर को जब प्रधानमंत्री महोबा आए थे तो उन्होंने वो सारी बातें कहीं जो हमने उन्हें पत्र में लिखी थीं. हमे लगता है सभी चीजें उनके संज्ञान में हैं. विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले भी लग रहा था कि केंद्र सरकार बुंदेलखंड राज्य बनाने के बारे में सोच रही है लेकिन उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सरकार बुंदेलखंड नहीं चाहती इसलिए उन्होंने मामले को टाल दिया."
Also Read
-
A flurry of new voters? The curious case of Kamthi, where the Maha BJP chief won
-
Delhi’s demolition drive: 27,000 displaced from 9 acres of ‘encroached’ land
-
डिस्टर्ब्ड एरिया एक्ट: गुजरात का वो कानून जिसने मुस्लिमों के लिए प्रॉपर्टी खरीदना असंभव कर दिया
-
How Muslims struggle to buy property in Gujarat
-
Air India crash aftermath: What is the life of an air passenger in India worth?